दुनिया में जब से 2022 में ChatGPT नाम की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) चैटबॉट सबके लिए उपलब्ध कराई गई, तब से इस बात की चर्चा होने लगी है कि क्या भविष्य में AI इंसानों की जगह ले सकती है. ये चैटबॉट वो काम कर सकता था जिन्हें पहले सिर्फ इंसान ही कर सकते थे. कोड लिखना हो या फिर शायरी रचना, ChatGPT ये सब कर सकता था और जैसे-जैसे समय बीता, AI के और भी ज्यादा समझदार वर्जन आ गए. इन तरक्कीयों के साथ-साथ चिंताएं भी सामने आने लगीं. कई टेक्नोलॉजी विशेषज्ञों का कहना था कि आने वाले समय में AI लोगों की नौकरियां छीन सकता है, वहीं कुछ का मानना था कि ये सकारात्मक बदलाव भी ला सकता है. उदाहरण के लिए, सॉफ्टवेयर इंजीनियरों को अपनी नौकरी जाने का डर सताने लगा क्योंकि अब AI कुछ ही मिनटों में कोड लिख सकता है.


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बिल गेट्स ने कही ये बात


माइक्रोसॉफ्ट के को-फाउंडर बिल गेट्स अक्सर AI टेक्नोलॉजी को लेकर उत्साहित रहते हैं और इसके दुनिया पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में बात करते हैं. हाल ही में एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि AI इंसानों की जगह नहीं ले सकता, खासकर सॉफ्टवेयर इंजीनियरों की. उन्होंने ये भी कहा कि भले ही AI का जमाना आ जाए, हमें फिर भी इन इंजीनियरों की जरूरत पड़ेगी. गेट्स ने 'पीपल बाय डब्ल्यूटीएफ' पॉडकास्ट सीरीज के पहले एपिसोड में बात की, जिसके होस्ट Zerodha के फाउंडर निखिल कामथ थे. उनकी 30 मिनट की बातचीत में गेट्स ने अपने शुरुआती माइक्रोसॉफ्ट के दिनों और खासकर सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की दुनिया पर AI के प्रभाव के बारे में बताया.


बिल गेट्स को भले ही AI टेक्नोलॉजी के बढ़ते प्रभाव की चिंता है, लेकिन सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की नौकरियों के भविष्य को लेकर वो आशावादी हैं. उनका मानना है कि AI इंजीनियरों की मददगार साबित हो सकती है और उनके काम को और ज्यादा बेहतर बना सकती है. उदाहरण के लिए, AI का इस्तेमाल करके पढ़ाने वाले खास टूल्स बनाए जा सकते हैं. उन्होंने भारत और अमेरिका में चल रही ऐसी ही कुछ सफल प्रोजेक्ट्स का जिक्र भी किया. गेट्स ने बताया, 'इस टेक्नोलॉजी की सबसे अच्छी बात ये है कि ये कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में मदद कर सकती है और सीखने के लिए नए तरीके भी दे सकती है. भारत और अमेरिका में भी ऐसे कई प्रोजेक्ट चल रहे हैं जिनके नतीजे काफी अच्छे हैं. अगर सिर्फ इतना ही फायदा हो तो भी AI कमाल की टेक्नोलॉजी है.'


बताया बेवजह डर


बिल गेट्स ने इस बात की चिंताओं को दूर करने की कोशिश की कि AI सॉफ्टवेयर इंजीनियरों की जगह ले लेगा. उन्होंने ऐसी सोच को 'बेवजह डर' बताया. उन्होंने भरोसा दिलाया कि सॉफ्टवेयर इंजीनियरों की डिमांड बनी रहेगी. उन्होंने कहा, 'हमें अभी भी इन इंजीनियरों की जरूरत है और भविष्य में भी ज़रूरत पड़ेगी.' गेट्स के ये शब्द उन लोगों के लिए राहत की बात हैं जो AI की तरक्की से अपनी नौकरी जाने से चिंतित हैं.