Online Fraud: आपने साइबर ठगी के कई केस देखे होंगे, जहां लोग ऑनलाइन लिकं पर करके चालबाजों के जाल में फंस जाते हैं और ऑनलाइन ठगी का शिकार बन जाते हैं. ऐसा ही एक और मामला सामने आया है. यहां एक व्यक्ति ज्यादा पैसे कमाने के लालच में आकर अपनी मेहनत की कमाई गंवा बैठा. जब तक व्यक्ति को धोखेबाजी का एहसास हुआ तब तक काफी देर हो चुकी थी. इस धोखाधड़ी में व्यक्ति ने अपने 2 करोड़ रुपये गंवा दिए. यह अब तक ऑनलाइन फ्रॉड का सबसे बड़ा मामला माना जा रहा है. आइए आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं. 


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यहां का है मामला


जानकारी के मुताबिक यह पूरा मामला पुणे का है. यहां का रहने वाला एक व्यक्ति ऑनलाइन ठगी का शिकार हो गया. एक महीने के भीतर उसे 2 करोड़ का नुकसान हो गया. जालसाजी में एक झूठी शेयर मार्केट निवेश कंपनी का इस्तेमाल किया गया था, जिसने अमेरिका-आधारित प्रतिष्ठित वेंचर कैपिटल फंड के नाम का सहारा लिया. पीड़ित ने वाकाड पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज कराई है. 


सोशल मीडिया पर आया लिंक 


सोशल मीडिया पर एक विज्ञापन देखकर व्यक्ति जालसाजों के जाल में फंस गया. विज्ञापन में एक प्रतिष्ठित अमेरिका आधारित वेंचर कैपिटल फंड से जुड़े शेयर मार्केट निवेश प्लेटफॉर्म का प्रचार किया जा रहा था. व्यक्ति लिंक पर क्लिक करके एक व्हाट्सएप ग्रुप में शामिल हो गया. ग्रुप के एडमिन ने प्लेटफॉर्म के माध्यम से ऑनलाइन ट्यूटोरियल और लिंक शेयर किए और इन्वेस्टमेंट करने के लिए प्रोत्साहित किया. 


पीड़ित ने निवेश के लिए एक फोन पर एक एप्लिकेशन डाउनलोड किया. ऐप ने निवेश पर अच्छा रिटर्न प्रदर्शित किया, जिससे व्यक्ति प्रभावित हो गया. इसके बाद कुछ हफ्तों में उसने कुल 2.15 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिए. यह सारा काम टेक्स्ट चैट के जरिए किया गया. कुछ समय बाद पीड़ित को शक हुआ तो उसने जांच की. इसमें उसने पाया कि कंपनी का नाम शेयर मार्केट निवेश से संबंध नहीं रखता है. 


फर्जी सोशल मीडिया प्रोफाइल का किया इस्तेमाल


इसके बाद पीड़ित ने पुलिस से संपर्क किया. पता चला है कि साइबर अपराधियों ने हेरफेर करने के लिए फर्जी सोशल मीडिया प्रोफाइल का इस्तेमाल किया था.  जांच में पता चला कि फोन एप्लिकेशन, कंपनी का नाम सभी नकली थे. इस पूरे मामले में व्यक्ति ने 2.15 करोड़ रुपये के कुल आधा दर्जन लेनदेन किए थे. बताया जा रहा है कि घोटालेबाजों ने जिन खातों का इस्तेमाल किया वह मुंबई, दिल्ली, तेलंगाना, नोएडा और राजस्थान के थे. फिलहाल, खातों की जांच की जा रही है.