Mobile Charger: हाल ही में मोबाइल चार्जर की वजह से घर में आग लगने की एक घटना सामने आई है. मामला मेरठ का है जिसमें चार्जर से निकली चिंगारी से घर में आग लगी और इसकी चपेट में आकर 4 बच्चों की मौत हो गई. आग इतनी भीषण थी कि बच्चे बुरी तरह से झुलस गए और उन्हें बचाया नहीं जा सका. अब सवाल ये उठता है कि, क्या चार्जर खतरनाक होते हैं, और अगर खतरनाक होते हैं तो इनसे हादसा होने से कैसे बचाया जा सकता है. आज हम आपको मोबाइल चार्जर से जुड़ी उन गलतियों के बारे में बताने जा रहे हैं जो हादसे का कारण बन सकती हैं.  


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आग लगने के कुछ प्रमुख कारण:


खराब या नकली चार्जर का उपयोग:


कई लोग सस्ते और नकली चार्जर खरीदते हैं जो सुरक्षा मानकों का पालन नहीं करते हैं. इन चार्जरों में घटिया तार और कॉम्पोनेन्ट होते हैं जो आसानी से गर्म होकर आग लगने का कारण बन सकते हैं.


चार्जर को लंबे समय तक लगा रहना:


फोन चार्ज हो जाने के बाद भी कई लोग चार्जर को प्लग में लगा रहने देते हैं. यह ज़रूरत से ज्यादा बिजली खपत करता है और ओवरहीटिंग का खतरा बढ़ाता है.


गलत तरीके से चार्जिंग:


फोन को गीले हाथों से छूना, चार्जिंग के दौरान फोन का इस्तेमाल करना, या चार्जिंग पॉइंट पर धूल जमा होना भी आग लगने का कारण बन सकता है.


आग लगने से बचने के लिए:


केवल ओरिजिनल और सर्टिफाइड चार्जर का उपयोग करें:


हमेशा अपने फोन के मॉडल के लिए निर्माता द्वारा रिकमेंडेड चार्जर का उपयोग करें.


चार्जिंग के बाद चार्जर को हटा दें:


फोन चार्ज हो जाने के बाद तुरंत चार्जर को प्लग से हटा दें.


सुरक्षित चार्जिंग का ध्यान रखें:


फोन को गीले हाथों से न छुएं, चार्जिंग के दौरान फोन का इस्तेमाल न करें, और चार्जिंग पॉइंट को धूल से मुक्त रखें.


फायर एक्स्टिंगशर रखें:


आपातकालीन स्थिति में, घर में फायर एक्स्टिंगशर रखना जरूरी है.


मोबाइल चार्जर का उपयोग करते समय सुरक्षा सावधानी बरतना बेहद जरूरी है. लापरवाही से जानमाल का नुकसान हो सकता है.


यहां कुछ अतिरिक्त सुरक्षा टिप्स दी गई हैं:


बच्चों को चार्जर से दूर रखें:


बच्चों को चार्जर से खेलने न दें और उन्हें चार्जिंग पॉइंट के पास न जाने दें.


खराब चार्जर को फेंक दें:


यदि आपके पास कोई खराब या क्षतिग्रस्त चार्जर है, तो उसे तुरंत फेंक दें.


अपने घर में बिजली के तारों की नियमित जांच करवाएं:


पुराने या डैमज्ड वायरस से आग लगने का खतरा बढ़ जाता है.