Google, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की दौड़ में पीछे चल रहा है, और इस क्षेत्र में खुद को आगे बढ़ाने के लिए मेहनत कर रहा है. कंपनी के CEO सुंदर पिचाई का कहना है कि वो किसी भी तरह के ऐसे व्यवहार को बर्दाश्त नहीं करेंगे जो दफ्तर के काम और सहकर्मियों को प्रभावित करे. पिचाई को इस हफ्ते एक ब्लॉग पोस्ट में यह कहते हुए बताया गया है कि वह गूगल कर्मचारियों को चेतावनी दे रहे हैं कि वो सिर्फ दफ्तर का काम करें और दफ्तर को किसी निजी चीज को बढ़ावा देने की जगह के तौर पर इस्तेमाल न करें.


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सुंदर पिचाई ने रखी ये बात

अपनी पोस्ट में, सुंदर पिचाई ने कहा कि 'ये एक कंपनी है, न कि ऐसा स्थान जहां आप सहकर्मियों के काम में बाधा डालें या उन्हें असुरक्षित महसूस कराएं. कंपनी को अपने निजी मंच के रूप में इस्तेमाल करने की कोशिश न करें, या परेशान करने वाले मुद्दों पर लड़ाई न करें या राजनीति पर बहस न करें.' पिचाई ने आगे कहा कि 'एक कंपनी के रूप में हमारे लिए विचलित होना बहुत बड़ी बात है, ये बहुत महत्वपूर्ण समय है.'


ये पहली बार नहीं है जब Google के कर्मचारियों ने दफ्तर में विरोध प्रदर्शन किया है. लेकिन इस बार विरोध की वजह और समय, दोनों ही सुंदर पिचाई और कंपनी को पसंद नहीं आया. असल में, Google सरकारों के साथ कुछ गुप्त प्रोजेक्ट्स पर काम करता रहा है जिससे कर्मचारियों को चिंता होती है और ये बातें कभी न कभी सामने आ ही जाती हैं.


28 कर्मचारियों को निकाला


Google की परेशानी ये है कि उसके कर्मचारी बार-बार दफ्तर में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इस बार कर्मचारियों को गुस्सा इस बात से आया है कि Google ने Israel सरकार के साथ किसी क्लाउड प्रोजेक्ट पर डील की है. खबरों के अनुसार, इसी डील के विरोध में प्रदर्शन करने वाले 28 कर्मचारियों को कंपनी ने निकाल दिया है. इनमें से 9 कर्मचारियों को तो पहले ही सस्पेंड कर दिया गया था और इस हफ्ते उन्हें अमेरिका में गिरफ्तार भी कर लिया गया.


इन कर्मचारियों को असल में Google और Israel की सरकार के बीच 1.2 बिलियन डॉलर के किसी समझौते से गुस्सा आया था. अखबारों की रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी ने एक इनर्नल मेमो में कर्मचारियों को बताया कि 'इस तरह का व्यवहार हमारे दफ्तर में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.'