भारत में साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहा है. हर दिन ऐसी खबरें आती हैं कि लोग साइबर अपराधियों के झांसे में आकर बहुत पैसा खो देते हैं. ये अपराधी अक्सर लोगों को धमकाते हैं कि अगर उन्होंने पैसे नहीं भेजे तो उन्हें "डिजिटल गिरफ्तारी" हो जाएगी. ये लोग अक्सर विदेश से काम करते हैं ताकि पुलिस उन्हें पकड़ न सके. भारत सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोगो को इन धोखों के बारे में बता रहे हैं. हाल ही में, दूरसंचार विभाग ने लोगों को इंटरनेशनल फोन कॉल्स के बारे में चेतावनी दी है.


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बचकर रहें इन 4 नंबरों से


लोगों को ऐसे फोन नंबरों से सावधान रहने की सलाह दी गई है, जिनका कोड +77, +89, +85, +86 या +84 है. ये नंबर धोखेबाजों के हो सकते हैं. दूरसंचार विभाग और TRAI ने लोगों से ऐसे कॉल के बारे में शिकायत करने को कहा है. आप Sanchar Saathi पोर्टल पर जाकर शिकायत कर सकते हैं. इससे सरकार इन नंबरों को ब्लॉक कर सकती है और दूसरे लोगों को बचा सकती है.


 



 


स्टूडेंट के साथ हुआ धोखा


हाल ही में, एक 25 साल के छात्र को फोन आया था, जिसमें फोन करने वाले ने खुद को एक सरकारी एजेंसी, TRAI का पुलिस अधिकारी बताया. धोखेबाज ने छात्र को धमकाया कि उसके फोन नंबर के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है और अगर वह पुलिस से एक विशेष सर्टिफिकेट नहीं लेता है तो उसका नंबर बंद कर दिया जाएगा. छात्र डर गया और उसने धोखेबाज को अपनी बैंक की जानकारी दे दी. बाद में उसे पता चला कि वह धोखा खा गया है.


भारत सरकार के एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल के पहले दस महीनों में साइबर अपराधियों ने करीब 2,140 करोड़ रुपये की ठगी की है. ये अपराधी खुद को ईडी, सीबीआई, पुलिस, या आरबीआई के अधिकारी बताकर लोगों को धोखा देते हैं और उनसे पैसे ले लेते हैं.