नई दिल्ली: साइबर क्राईम (Cyber Crime) क बारे में कौन नहीं जानता. आए दिन साइबर क्रिमिनल्स (Cyber Criminals) किसी की कमाई पर हाथ साफ कर जाते हैं. इन क्रिमिनल्स के पास कई तरीक होते हैं लोगों के पैसे चुराने के. इस तरह के फ्रॉड ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. बैंक अपने ग्राहकों को लगातार मैसेज और अन्य प्लैटफॉर्म की मदद से अवगत कर रहे हैं. आपको भी इन बातों को गंभीरता से लेने की जरूरत है. भारत सरकार ने इंटरनेट बैंकिंग (Internet Banking)  समेत ऑनलाइन फाइनेंस से संबंधित धोखाधड़ी की शिकायत करने के लिए नया हेल्पलाइन नंबर जारी किया है.


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अगर फ्रॉड हुए 24घंटे से ज्यादा समय हो गया है तो क्या करें?
-ऑनलाइन धोखेबाजी का शिकार होने के बाद पीड़ित को पुलिस अधिकारी द्वारा मैनेज हेल्पलाइन पर कॉल करना है. अगर फ्रॉड हुए 24 घंटे से ज्यादा समय हो गया है तो पीड़ित को नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर एक औपचारिक शिकायत दर्ज करनी चाहिए. अगर फ्रॉड हुए 24 घंटे से कम समय हुआ है तो ऑपरेटर फॉर्म भरने के लिए अपराध का विवरण और पीड़ित की निजी जानकारी मांगेगा.


-जब दोनों घटना संबंधित वित्तीय संस्थानों तक जानकारी पहुंच जाती है तो एक टिकट रेज किया जाता है. यह फ्रॉड ट्रांजेक्शन टिकट जिस वित्तीय संस्थान से पैसा कटा (डेबिट हुआ) है और जिन वित्तीय संस्थान में गया (क्रेडिट हुआ) है दोनों के डैशबोर्ड पर नजर आता है.


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-जिस बैंक/वॉलेट में टिकट दिया गया होता है उसे फ्रॉड ट्रांजेक्शन की जानकारी के लिए जांच करनी होती है. अगर पैसा निकल गया है तो यह पोर्टल में ट्रांजेक्शन की जानकारी देता है और दूसरे वित्तीय संस्थान में जाता है.


-अगर फंड नहीं रहता है तो यह उसे टेंप्रेरी होल्ड पर डाल देता है. फंड का आना तब तक जारी रहता है जब तक फंड को होल्ड पर नहीं डाला जाता है या जब तक डिजिटल इकोसिस्टम से बाहर नहीं आता है, इसमें ATM से विड्रॉल, फिजिकल विड्रॉल और यूटिलिटी शामिल है.


हेल्पलाइन नंबर
ऑनलाइन फ्रॉड संबंधित मामलों के लिए पीड़ित को 155260 डायल पर शिकायत करनी है. जिस प्रकार से 112 हेल्पलाइन नंबर साइबर फ्रॉड हुए लोगों की तुरंत मदद करता था. उस प्रकार इस नंबर से भी इमरजेंसी में मदद प्राप्त की जा सकेगी.