Meta: फेसबुक और इंस्टाग्राम की पेरेंट कंपनी मेटा ने एक बड़ा बदलाव किया है. पहले ये कंपनी यह तय करती थी कि कौन सी खबर सही है और कौन सी गलत. इसके लिए वे दूसरे लोगों को बुलाती थीं जो खबरों की जांच करते थे. लेकिन अब मेटा ने यह तरीका बदल दिया है. अब मेटा चाहता है कि खुद यूजर्स ही यह तय करें कि कौन सी खबर सही है और कौन सी गलत. इसके लिए मेटा एक नया तरीका ला रहा है जिसे 'कम्युनिटी नोट्स' कहते हैं. इसमें यूजर्स खुद ही किसी खबर के बारे में अपनी राय दे सकते हैं और बता सकते हैं कि उन्हें यह खबर सही लगती है या गलत. आइए आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

क्यों किया गया यह बदलाव?
मेटा का कहना है कि पहले जो तरीका था उसमें कई गलतियां हो जाती थीं. कई बार ऐसी खबरों को भी गलत बताया जाता था जो सही थीं. इसलिए अब मेटा चाहता है कि यूजर्स खुद ही तय करें कि क्या सही है और क्या गलत. 


यह भी पढ़ें - लगातार गीजर का स्विच रखते हैं ऑन तो संभल जाइये.. बम की तरफ फटेगा, नहीं मिलेगा बचने का मौका


मेटा ने क्या कहा
मेटा ने मंगलवार को कहा कि वह थर्ड पार्टी को शामिल कर 'फैक्ट-चैक' (तथ्यों की जांच) करने वाले अपने प्रोग्राम को बंद कर रहा है और इसकी जगह यूजर्स द्वारा लिखे गए 'कम्युनिटी नोट्स' प्रोग्राम को ला रहा है, जो एलन मस्क के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विट के नाम से जाना जाता था) द्वारा इस्तेमाल किए गए मॉडल के जैसा है. मेटा अपने 'फैक्ट चेक' प्रोग्राम को समाप्त करने की शुरुआत अमेरिका से करेगा.


यह भी पढ़ें - स्कैमर्स ने निकाला फ्रॉड करने का नया तरीका, मोबाइल टावर ने नाम पर कर रहे स्कैम, BSNL ने जारी की चेतावनी


ज्यादा कंटेंट पर प्रतिबंध लगाया गया 
कंपनी ने कहा कि उसने कार्यक्रम को समाप्त करने का फैसला इसलिए किया, क्योंकि तथ्यों की जांच करने वाले विशेषज्ञों के अपने पूर्वाग्रह हैं और बहुत अधिक सामग्री की तथ्य जांच के दायरे में आ गई है. मेटा ने कहा कि अपने प्लेटफॉर्म मंच पर कंटेंट को प्रतिबंधित करने के लिए जटिल प्रक्रिया बनाने में बहुत गलतियां हुई हैं और बहुत ज्यादा कंटेंट पर प्रतिबंध लगाया गया है. 


(एजेंसी इनपुट के साथ)