Microsoft Satya Nadella: माइक्रोसॉफ्ट दुनिया की जानी-मानी टेक कंपनी है. इस कंपनी के सीईओ सत्य नडेला हैं. सत्या नडेला शिकागो में एक कंपनी की कॉन्फ्रेंस में बोल रहे थे. उनके भाषण से पता चल सकता है कि माइक्रोसॉफ्ट अपने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) बिजनेस को किस दिशा में ले जा रहा है. माइक्रोसॉप्ट ने एक AI एजेंट पेश किया है, जो कई सारे काम कर सकता है. आइए आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं. 


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AI डेवलपर्स अब ऐसे AI चैटबॉट्स पर काम कर रहे हैं जो लोगों की तरफ से काम कर सकें. इनको AI एंजेंट्स कहा जाएगा और ये काफी यूजफुल हो सकते हैं. लेकिन इन AI टूल्स को बनाने और चलाने की लागत बहुत ज्यादा है, जिससे कई इन्वेस्टेर्स सोचने लगे हैं कि क्या ये टेक्नोलॉजी इतनी उपयोगी होगी जितना सोचा जा रहा है.


AI एजेंट 
माइक्रोसॉफ्ट ने पिछले महीने कहा था कि वह एक ऐसी दुनिया की तैयारी कर रहा है जहां हर कंपनी के पास कई AI एजेंट होंगे. ये एजेंट छोटे-मोटे कामों से लेकर बड़े कामों तक सब कुछ कर सकेंगे. माइक्रोसॉफ्ट ने एक ब्लॉग पोस्ट में बताया कि ये एजेंट लगातार काम कर सकते हैं, जैसे कि कस्टमर रिटर्न की जांच करना या शिपिंग इनवॉइस की समीक्षा करके कंपनियों की मदद कर सकते हैं. 


माइक्रोसॉफ्ट का एनुअल इग्नाइट कॉन्फ्रेंस बड़े बिजनेस कस्टमर्स के लिए होता है. "एजेंटिक AI" की तरफ बढ़ने का ये कदम ऐसे समय आया है जब कुछ यूजर्स को OpenAI के ChatGPT, Google के Gemini और Microsoft के Copilot जैसे चैटबॉट्स की सीमाएं दिख रही हैं. ये सिस्टम एक वाक्य में अगला सबसे संभावित शब्द का अनुमान लगाते हैं और लिखने वाले कामों में भी अच्छे होते हैं. 


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लेकिन, टेक कंपनियां ऐसे AI टूल्स बनाने की कोशिश कर रही हैं जो लंबे समय तक योजना बना सकें और सोच सकें. ये टूल्स वेब तक पहुंच सकें, कंप्यूटर को कंट्रोल कर सकें और यूजर की तरफ से खुद से काम कर सकें. 


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सेल्सफोर्स के सीईओ ने क्या कहा
सेल्सफोर्स के सीईओ मार्क बेनिऑफ ने माइक्रोसॉफ्ट के इस कदम की आलोचना की है. सेल्सफोर्स की भी "Agentforce" सर्विस है जो सेल्स, मार्केटिंग और दूसरे कामों में AI का इस्तेमाल करती है. बेनिऑफ ने पिछले महीने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा था कि माइक्रोसॉफ्ट का कोपायलट एक फ्लॉप है जो गलत जानकारी देता है और कंपनी का डेटा लीक करता है.