स्मार्टफोन मार्केट की बात आती है तो भारत का नाम सबसे पहले लिया जाता है. भारत सरकार भी इसका फायदा उठाना चाह रही है. सरकार चाहती है कि देश में ज्यादा से ज्यादा फोन बनें. अब भारत में चिपसेट बनने वाले हैं. सरकार ने इसका रोडमैप भी तैयार कर लिया है. चिपसेट के मामले में चीन काफी रिच है, लेकिन भारत चीन को चोट देने के लिए पूरी तरह से तैयार है.


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5G और 6G लैब होगी तैयार


सेंट्रल मिनिस्टर अश्विनी वेष्णव ने कहा है कि अमेरिकी कंपनी Qualcomm केंद्र और राज्य सरकारों के साथ मिलकर 6G लैब और 100 5G लैब लगाने वाला है. उन्हीं ने क्वालकॉम के डिजाइन सेंटर का भी उद्धाटन किया था. कंपनी ने भारत में 177 करोड़ रुपये से ज्यादा का इंवेस्ट करने का प्लान बनाया है. इससे भारत में रोजगार के दरवाजे भी खुल जाएंगे. 


चिपसेट होगी तैयार


अश्विनी वेष्णव ने बताया कि पीएम मोदी का विजन पूरा करते हुए इसकी मैनुफैक्चरिंग पूरी तरह से देश में ही होगी. यहीं सेमीकंडक्टर का डिजाइन, मैनुफैक्चरिंग और ATMP पूरा किया जाएगा. यह भारत के लिए बड़ा कदम है, क्योंकि सरकार यही चाहती है कि फोन के हर पार्ट को भारत में ही तैयार किया जाए.


क्या है प्लान?


सरकार चाहती है कि स्मार्टफोन मार्केट को बूस्ट मिले और हर पार्ट्स को भारत में तैयार किया जाए. कुछ पार्ट्स पर इम्पोर्ट भी कम कर दिया है. अगर हर पार्ट भारत में तैयार होता है और फोन पूरी तरह से भारत में बनता है तो इससे भारतीयों को काफी फायदा होगा. इससे फोन की कीमतें बाकी देशों के मुकाबले कम होगी और फोन में Made In India लिखा होगा, जो काफी गर्व की बात है.