Ola Maps: ऑनलाइन कैब सर्विस प्रोवाइर कंपनी ओला ने शुक्रवार को एक बड़ा ऐलान किया है. कंपनी अब गूगल मैप्स इस्तेमाल नहीं करेगी, बल्कि अब वह अपना खुद का मैप इस्तेमाल करेगी. ओला कैब्स (Ola Cabs) ने अपना खुद का मैप लॉन्च किया है और इसे ओला मैप्स (Ola Maps) नाम दिया गया है. कंपनी के  को-फाउंडर और CEO भाविश अग्रवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करके इसकी जानकारी दी है. 


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कंपनी के CEO ने X पर किया पोस्ट 
ओला के को-फाउंडर और CEO भाविश अग्रवाल ने बताया कि "हम हर साल गूगल मैप्स के लिए 100 करोड़ रुपये खर्च करते थे. लेकिन अब हमने अपने खुद के ओला मैप्स पर स्विच कर लिया है और इस खर्च को पूरी तरह से बचा लिया है!" बता दें कि कुछ महीने पहले ही ओला ने माइक्रोसॉफ्ट अजूर से अपना क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर बदल लिया था. अब कंपनी अपना खुद का इकोसिस्टम चलाएगी और इसी पर उसका लार्ज लैंग्वेज मॉडल (LLM) कृत्रिम भी चलेगा.


भविष्य में मिलेंगे नए फीचर्स 
भाविश अग्रवाल ने ये भी बताया कि आने वाले समय में ओला मैप्स में और भी कई नए फीचर्स जुड़ेंगे. जैसे कि स्टीट व्यू (Street View), 3D मैप्स, न्यूरल रेडियंस फील्ड्स (NERFs), इनडोर इमेजिस, ड्रोन मैप्स वगैरह. ओला मैप्स को बनाने में OpenStreetMap नाम के ओपन-सोर्स प्रोजेक्ट का भी इस्तेमाल किया गया है. OpenStreetMap के साथ ही ओला ने अपने खुद के डेटा का भी इस्तेमाल किया है.


Ola को गूगल को देने पड़ते थे पैसे 
आपको बता दें कि आम लोग तो गूगल मैप्स फ्री में इस्तेमाल कर सकते हैं. लेकिन ओला जैसी कंपनियां जो गूगल मैप्स का ऐप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (API) इस्तेमाल करती हैं, जिसके लिए उन्हें पैसे देने होते हैं. ओला को उम्मीद है कि अपना खुद के मैप इस्तेमाल करने से उनका यह खर्च बचेगा. हालांकि, अपना खुद का मैप्स चलाने के लिए ओला को कुछ पैसा खर्च करना पड़ेगा.


Ola Maps सिर्फ ओला की राइड-हेलिंग सर्विस और इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए ही नहीं होगा. बल्कि डेवलपर्स भी ओला मैप्स का API इस्तेमाल कर सकेंगे. यानी कि दूसरे ऐप बनाने वाली कंपनियां भी अपने ऐप में ओला मैप्स इस्तेमाल कर पाएंगी. लेकिन इसके लिए डेवलपर्स को ओला को पैसा देना होगा. यह पैमेंट ओला के कृत्रिम क्लाउड सिस्टम के जरिए होगा.