Online Fraud Of 20 Lakh: आज इंटरनेट हमारे लिए किसी वरदान से कम नहीं है. इंटरनेट की वजह से लगभग हर काम पहले की तुलना में बहुत फास्ट और आसान हो गया है. लेकिन हर अच्छी चीज की कुछ खामियां भी होती हैं. यही इंटरनेट कब किसी के लिए वरदान से अभिशाप बन जाता है पता नहीं चलता. ऑनलाइन ठगी से संबंधित कोलकाता से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है.


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हाल ही में कोलकाता के एक 58 वर्षीय व्यक्ति ऑनलाइन ठगी का शिकार हो गया. यह शख्स फर्जी इन्वेस्टमेंट के घोटाले के जाल में फंसकर लाखों रुपये गंवा बैठा. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उन्हें 20 लाख रुपये का नुकसान हुआ है. इस ठगी के बाद पीड़ित की आर्थिक स्थिति डगमगा गई है.


इस ऑनलाइन फ्रॉड को फेसबुक के माध्यम से अंजाम दिया गया. सबसे पहले फेसबुक के एक विज्ञापन पर पीड़ित ने क्लिक किया. इस विज्ञापन में फ्री ऑनलाइन स्टॉक ट्रेडिंग कोर्स का लालच दिया गया था. इसके बाद पीड़ित को स्कैमर्स ने व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा. जब स्कैमर्स को भरोसा हो गया कि पीड़ित का विश्वास जीत लिया है, तो उन्हें Zoksa नामक एक फर्जी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के बारे में बताया गया. पीड़ित ने जल्दबाजी के चलते दबाव में आकर इस प्लेटफॉर्म पर इन्वेस्ट कर दिया. 


क्या होता है ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट स्कैम?


यह घटना ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट स्कैम के बढ़ते खतरे को उजागर करती है. ऑनलाइन ठग इंवेस्टमेंट के फर्जी तरीकों का इस्तेमाल करके उन लोगों को टारगेट करते हैं जो इंवेस्टमेंट करके अपना पैसा सेफ करना चाहते हैं. ऑनलाइन स्कैम और भी कई तरीकों से सामने आते हैं. जिनमें से कुछ तरीकों का बार-बार इस्तेमाल करते हैं, जिसके बारे में आपको भी जानना चाहिए.



पंप-एंड-डंप स्कीम


धोखेबाज झूठी जानकारी के माध्यम से किसी स्टॉक की कीमत को आर्टिफिशियली बढ़ा देते हैं. फिर कीमत गिरने से पहले अधिक पैसे में अपने शेयर बेच देते हैं, जिससे पीड़ितों को बेकार होल्डिंग्स के साथ छोड़ दिया जाता है. इसमें पीड़ित का लाखों तक का नुकसान हो सकता है.


फिशिंग घोटाला


धोखेबाज वैलिड ब्रोकरेज फर्मों या प्लेटफार्मों की नकल करते हैं. इसमें ठग पीड़ितों के लॉगिन क्रेडेंशियल्स के माध्यम से पर्सनल जानकारी मांगते हैं. जिसके बाद उस जानकारी का उपयोग करके धोखे से खाते से पैसा निकाल लेते हैं. 


पोंजी योजनाएं


इस ठगी में सबसे पहले स्कैमर्स, इन्वेस्टर्स को हाई रिटर्न का वादा करते हैं और फिर फायदा होने का लालच देते हैं. स्कैमर्स नए इन्वेस्टर्स के पैसे का उपयोग पहले के इन्वेस्ट किये जगह पर करते हैं, जिससे पीड़ित को लगता है कि उसका पैसा सही जगह इन्वेस्ट हो रहा है. ठग ये तब तक करते हैं जब तक इंवेस्टर्स का सारा पैसा न चूस लें. 


बिना लाइसेंस वाले प्लेटफॉर्म


बिना वैलिड लाइसेंस के चलने वाले प्लेटफॉर्म फेक हो सकते हैं, बाजारों में हेराफेरी कर सकते हैं या इन्वेस्टर्स के पैसे लेकर गायब हो सकते हैं. इसलिए कभी भी इन्वेस्ट करने से पहले उस प्लेटफार्म के बारे में अच्छे से जांच लें.


रोबोट ट्रेडिंग घोटाले


इस तरीके के ठगी में स्कैमर्स गारंटी वाले लाभ का वादा करते हैं. इसमें ऑटोमेटिक सॉफ्टवेयर का प्रचार करते हैं, लेकिन उसके खराब परिणाम, हाई फीस या छिपे हुए खतरे के बारे में नहीं बताते हैं और पीड़ित इस झांसे में आकर अपना लाखों का नुकसान कर देते हैं.


फर्जी स्पेशलिस्ट बन कर


इस तरीके के स्कैम में स्कैमर्स खुद को स्पेशलिस्ट के रूप में पेश करते हैं. कम फीस लेकर सलाह देते हैं और भरोसा जीतने की कोशिश करते हैं. उसके बाद व्यक्तियों के विश्वास का फायदा उठाकर उनके साथ ठगी करते हैं.