पाकिस्तान के हैकर्स ने यूट्यूब के कॉपी ऐप का इस्तेमाल करके भारतीयों को निशाना बनाया है. ये ऐप्स एंड्रॉइड स्मार्टफोन में प्रवेश करने और उपयोगकर्ताओं की जासूसी करने के लिए डिजाइन किए गए हैं. साइबरसिक्योरिटी कंपनी SentinelOne की रिपोर्ट के मुताबिक, इन ऐप्स का इस्तेमाल CapraRAT टूल के साथ किया जा रहा है. यह एक संवेदनशील टूल है जो एंड्रॉइड डिवाइस की सारी एक्टिविटी को नियंत्रित कर सकता है. टीओआई की खबर के मुताबिक, इस टूल का इस्तेमाल कश्मीरी ह्यूमन राइट एक्टिविस्ट की जासूसी की जा रही है.


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कौन से हैं ये ऐप्स?


- com.Base.media.service
- com.moves.media.tubes
- com.videos.watchs.share 


सुरक्षित रहने का एक ही उपाय है. कि आप इन ऐप्स को डाउनलोड या इंस्टॉल न करें. 


कैसे बनाया जा सकता है निशाना?


- इस ऐप्लिकेशन के द्वारा, मोबाइल के माइक्रोफोन के साथ ही फ्रंट और रियर कैमरे को रिकॉर्ड किया जा सकता है.
- इसके साथ ही, यह ऐपलिकेशन SMS और मल्टीमीडिया संदेश, कॉल लॉग, और अन्य संदेश सामग्री को कलेक्ट करता है.
- इस ऐप्लिकेशन के माध्यम से बिजनेस द्वारा भेजे जाने वाले मैसेज और आने वाले कॉल्स को ट्रैक किया जा सकता है.
- यह ऐप्लिकेशन स्वयं कॉल्स कर सकता है और स्क्रीनशॉट ले सकता है.
- इस ऐप्लिकेशन के माध्यम से जीपीएस और नेटवर्क सेटिंग को ओवरराइट किया जा सकता है और यह फोन की फाइलों को मॉडिफाइ कर सकता है.