भारत में बैन हो सकती है VPN सर्विस, वर्क फ्रॉम होम करने वालों पर पड़ेगा बड़ा असर
कोरोना काल में ज्यादातर कंपनियां वर्क फ्रॉम होम (WFH) मोड में चली गई थीं और कर्मचारी घर बैठकर कंपनी के लिए काम कर रहे हैं. ऐसे में घर में बैठा वर्कर लगातार काम के दौरान कंपनी के वीपीएन (VPN) सर्वर से कनेक्ट रहता है और यह सर्विस उसके काम को आसान बना देती है.
नई दिल्ली: हम में से ज्यादातर लोग अपने लैपटॉप या स्मार्टफोन में वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN) सर्विस का इस्तेमाल अक्सर करते हैं. लेकिन साइबर अपराधी इसका गलत फायदा उठाने के लिए भी तैयार रहते हैं और यही वजह है कि भारत में अब ये सर्विस बंद की जा सकती है. गृह मंत्रालय से जुड़ी संसद की स्टैंडिंग कमेटी ने वीपीएन सर्विस को बंद करने के लिए केंद्र सरकार से सिफारिश की है क्योंकि इससे साइबर क्राइम बढ़ने का खतरा है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक वीपीएन के जरिए साइबर क्रिमिनल गुप्त तरीके से ऑनलाइन रहते हैं और ऐसे में उनकी लोकेशन का पता लगाना भी मुश्किल हो जाता है. इस बात को ध्यान में रखते हुए संसदीय समिति की ओर से सिफारिश की गई है कि इंटरनेशनल एजेंसियों की मदद से ऐसा कोई मैकेनिज्म अपनाया जाए ताकि इन वीपीएन सर्विस को पूरी तरह से बैन किया जा सके. फिलहाल इसे लेकर कोई तारीख तय नहीं है लेकिन सिफारिश के बाद माना जा सकता है कि जल्द सरकार इस दिशा में कोई कदम उठा सकती है.
आखिर VPN है क्या?
वीपीएन एक ऐसी सर्विस है जिसके जरिए कोई यूजर अपने प्राइवेट नेटवर्क के जरिए पब्लिक इंटरनेट कनेक्शन के साथ लिंक कर सकता है. वीपीएन के जरिए आप अपने स्मार्टफोन या लैपटॉप से किसी अन्य वीपीएन सर्वर से जोड़ सकते हैं. इस दौरान जब आप कुछ सर्च करते हैं तो ये आपकी विजिट की हुई साइट्स को आपके फोन या लैपटॉप के सर्वर की तरह ही देखता है.
इस सर्विस का खतरा ये है कि आप खुद के आईपी एड्रेस के साथ नहीं आते हैं बल्कि वीपीएन सर्वर के जरिए नेटवर्क में एंटर करते हैं. इससे आपकी लोकेशन का पता लगाना मुश्किल हो जाता है और आप लोकेशन बदल सकते हैं.
बैन करने से क्या होगा असर?
कोरोना काल में ज्यादातर कंपनियां वर्क फ्रॉम होम मोड में चली गई थीं और कर्मचारी घर बैठकर कंपनी के लिए काम कर रहे हैं. ऐसे में घर में बैठा वर्कर लगातार काम के दौरान कंपनी के वीपीएम सर्वर से कनेक्ट रहता है और यह सर्विस उसके काम को आसान बना देती है. यही वजह रही इस साल वीपीएन के इस्तेमाल में काफी इजाफा हुआ है और पिछले साल की तुलना में 2021 की पहली छमाही में 600 फीसदी का इजाफा देखने को मिला.
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कंपनियां वीपीएन सर्विस के जरिए अपने कर्मचारियों के साथ अपना सेंसटिव डाटा शेयर करती हैं. ऐसे में कोरोना काल में कंपनियों को वीपीएन के काफी मदद पहुंचाई है. हालांकि इसी सर्विस के जरिए साइबर क्राइम गैरकानूनी गतिविधियों को भी अंजाम देते हैं. साथ ही हैकिंग और साइबर क्राइम के मामले भी सामने आए हैं. अब कर वीपीएन बंद होता है तो इससे साइबर क्राइम पर लगाम लगने के साथ कंपनियों को भी नुकसान हो सकता है.