टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के सीईओ का कहना है कि AI) आने वाले एक साल के अंदर कॉल सेंटरों की जरूरत को काफी कम कर देगी. इससे कॉल सेंटर का काम करने का तरीका पूरी तरह बदल जाएगा. उन्होंने फाइनेंशियल टाइम्स को दिए इंटरव्यू में बताया कि खासतौर पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की एक नई तकनीक जिसे जनरेटिव एआई कहते हैं वो एशिया और दुनियाभर में ग्राहक सेवा के काम को बदलकर रख देगी.


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बोले- AI पूरे ढांचे को बदल देगा


टाटा कंसल्टें अभी किसी की नौकरी नहीं खत्म कर रही है, पर ये जरूर मानते हैं कि AI कस्टमर सर्विस के पूरे ढांचे को बदल देगी. उनका कहना है कि भविष्य में फोन करके शिकायत करने की जरूरत नहीं पड़ेगी. इसकी जगह, एआई खुद ही ग्राहकों की परेशानी भांप लेगा और उसका हल निकाल लेगा.


फाइनेंशियल टाइम्स को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि 'दुनिया में, कॉल सेंटर्स पर सीधे फोन आने की जरूरत ही नहीं होनी चाहिए. तकनीक इतनी तरक्की कर लेनी चाहिए कि वो पहले ही ग्राहक की समस्या को समझ ले और खुद ही उसका समाधान निकाल ले.' टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के सीईओ का ये भी मानना है कि चैटबॉट टेक्नॉलोजी में सुधार आने से ये सिस्टम ग्राहक के पिछले लेन-देन को समझ सकेंगे और वो काम कर पाएंगे जो अभी कॉल सेंटर के लोग करते हैं. हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि इसमें थोड़ा वक्त लग सकता है, शायद करीब एक साल, चीजें पूरी तरह से बदलने में. उन्होंने बताया कि अभी हर कोई इस बारे में बात कर रहा है, लेकिन असल में फायदे दिखने में वक्त लगेगा. हो सकता है कि इससे नई तरह की नौकरियां भी बनें, सिर्फ पुरानी खत्म नहीं होंगी.


बढ़ेगी डिमांड


उनका मानना है कि भारत जैसे देशों में टेक्नॉलोजी के जानकार लोगों की डिमांड तेजी से बढ़ेगी. उन्होंने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के विकास से ज्यादा कुशल कर्मचारी पैदा होंगे और नई नौकरियां पैदा होंगी, पुरानी कम नहीं होंगी. एक रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ नौकरियां जिनमें खुद-ब-खुद काम हो जाता है, जैसे डाटा इकट्ठा करना और बार-बार होने वाले काम, उन्हें भविष्य में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) कर लेगा. इससे काम ज्यादा तेजी से हो पाएगा. 'मैकेंजी ग्लोबल इंस्टीट्यूट' नाम की संस्था ने 'अमेरिका में जनरेटिव एआई और काम का भविष्य' शीर्षक से रिपोर्ट लिखी है. इस रिपोर्ट के अनुसार दफ़्तर में सहायक का काम, ग्राहक सेवा और होटल/रेस्टोरेंट में काम करने वाले लोगों की नौकरियां ज्यादा प्रभावित होंगी.