घर की छत पर Mobile Tower लगवाएं और कमाएं हजारों रुपये! TRAI की चेतावनी- इस मैसेज से रहें बचकर
Mobile Tower Scam तेजी से फैल रहा है. ये लोग खुद को बड़ी टेलीकॉम कंपनियों जैसे Airtel, BSNL, Jio, और Vi का प्रतिनिधि बताते हैं. वो लोगों से जमीन किराए पर लेने के नाम पर पैसे ले लेते हैं, लेकिन असल में कोई टावर नहीं बनता है.
कुछ लोग मोबाइल टावर लगाने के नाम पर लोगों को धोखा दे रहे हैं. ये लोग खुद को बड़ी टेलीकॉम कंपनियों जैसे Airtel, BSNL, Jio, और Vi का प्रतिनिधि बताते हैं. वो लोगों से जमीन किराए पर लेने के नाम पर पैसे ले लेते हैं, लेकिन असल में कोई टावर नहीं बनता है. TRAI ने लोगों को ऐसे धोखेबाजों से सावधान रहने के लिए कहा है और इसका वीडियो भी जारी किया है. आइए जानते हैं क्या है यह नया स्कैम...
किए जाते हैं झूठे वादे
TRAI के अलावा, भारत में टेलीकॉम कंपनियों के संगठन, जैसे DIPA और COAI ने भी लोगों को चेतावनी दी है. ये लोग अखबारों और दूसरे तरीकों से लोगों को झांसा दे रहे हैं कि वो उनकी जमीन किराए पर लेंगे और उन्हें बहुत सारे पैसे देंगे, साथ ही किसी एक सदस्य को नौकरी भी देंगे. लेकिन ये सब झूठ है.
ये धोखेबाज लोग बहुत चालाक हैं. वो TRAI और दूरसंचार विभाग के नाम पर नकली कागजात बनाते हैं, जिससे लगता है कि वो असली हैं. फिर वो लोगों से कहते हैं कि अगर वो अपनी जमीन किराए पर देंगे तो उन्हें बहुत सारे पैसे मिलेंगे. लेकिन असल में वो लोगों से पैसे लेकर भाग जाते हैं.
TRAI ने बताया है कि न तो TRAI और न ही दूरसंचार विभाग कभी भी किसी को फोन करके या चिट्ठी लिखकर मोबाइल टॉवर लगाने के लिए नहीं कहते हैं. ये धोखेबाज लोग TRAI और दूरसंचार विभाग के नाम पर झूठे कागज़ात बनाते हैं और लोगों को धोखा देते हैं. असल में, भारत में मोबाइल टॉवर सिर्फ कुछ कंपनियों को ही लगाने की इजाज़त है, जैसे कि इंडस टावर्स, अमेरिकन टॉवर कॉर्पोरेशन, आदि.
हमारे मोबाइल फोन अच्छे से चलें, इसके लिए मोबाइल टावर बहुत ज़रूरी होते हैं. ये टावर या तो टेलीकॉम कंपनियां खुद लगाती हैं या सरकार की इजाज़त वाली कंपनियां लगाती हैं. अगर कोई कंपनी आपसे कहती है कि वो आपकी ज़मीन पर मोबाइल टॉवर लगाएगी, तो उनकी जानकारी जरूर जांच लें। आप दूरसंचार विभाग की वेबसाइट (dot.gov.in) पर जाकर देख सकते हैं कि क्या वो कंपनी सरकार द्वारा अधिकृत है.