गूगल प्ले स्टोर पर फिर लौटा यूसी ब्राउजर, इस बार ये है खास
अलीबाबा मोबाइल बिजनेस ग्रुप के अंतरराष्ट्रीय व्यापार विभाग के प्रमुख योंग ली ने कहा, `प्ले स्टोर पर यूसी ब्राउसर की छोटी सी अवधि की अनुपस्थिति के दौरान हम इसकी तकनीकी सेटिंग्स की जांच करते रहे.
नई दिल्ली : गूगल प्ले स्टोर से एक हफ्ते से ज्यादा समय तक हटे रहने के बाद अलीबाबा की स्वामित्व वाली कंटेंट एग्रीगेशन प्लेटफार्म यूसीवेब ने कहा कि यूसी ब्राउजर का एक नया संस्करण अब प्ले स्टोर पर उपलब्ध है. इस एप को गूगल प्ले स्टोर से कथित रूप से डाटा सुरक्षा उल्लंघन को लेकर हटा दिया गया था, हालांकि कंपनी ने बाद में इससे इनकार किया था. कंपनी ने एक बयान में कहा, यूजर्स के लिए नया संस्करण गूगल प्ले पर डाउनलोड के लिए उपलब्ध है, जो गूगल प्ले की सख्त नीतियों के अनुरूप है.
अलीबाबा मोबाइल बिजनेस ग्रुप के अंतरराष्ट्रीय व्यापार विभाग के प्रमुख योंग ली ने कहा, 'प्ले स्टोर पर यूसी ब्राउसर की छोटी सी अवधि की अनुपस्थिति के दौरान हम इसकी तकनीकी सेटिंग्स की जांच करते रहे. इस दौरान हमें अपने उत्पाद के लिए यूजर्स का निरंतर जुनून देखने को मिला, जिन्होंने मुख्य एप की अनुपस्थिति में उसके मिनी संस्करण यूसी ब्राउसर मिनी को प्ले स्टोर पर 'मुफ्त एप श्रेणी' का शीर्ष एप बना दिया.'
कंपनी का दावा है कि यूसी ब्राउसर 45 फीसदी उपभोक्ता आधार के साथ मोबाइल प्लेटफार्म पर भारत का सबसे प्रसिद्ध एप है, जिसके गूगल क्रोम का नंबर है. यूसी ब्राउसर ने गूगल प्ले स्टोर पर 50 करोड़ डाउनलोड का आंकड़ा पार कर लिया है.
यह भी पढ़ें : Google ने प्ले स्टोर से हटाया यह महत्वपूर्ण एप, अब क्या करेंगे आप
गौरतलब है कि पिछले दिनों गूगल ने UC Browser को अपने प्ले स्टोर से हटा दिया था. मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक गूगल ने मिस लीडिंग प्रमोशन के कारण प्लेस्टोर से यूसी ब्राउजर को हटाया है. कुछ रिपोर्टस में यह भी कहा गया था कि यूसी ब्राउजर को गूगल प्ले से 30 दिन के लिए हटाया गया है.
आपको बता दें कि अगस्त में भी भारतीय यूजर्स के मोबाइल डाटा को लीक करने के मामले में सरकार UC ब्राउजर की जांच के आदेश दिए थे. इस संबंध में IT मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि यूसी ब्राउजर के खिलाफ ऐसी शिकायतें हैं कि यह भारतीय यूजर्स का मोबाइल डाटा चीन में रखे सर्वर को भेजता है. ऐसी भी शिकायतें थी कि अगर यूजर इसे अनइंस्टाल कर देता है या ब्राउजिंग डाटा मिटा देता है तो भी यूजर के डिवाइस के DNS पर इसका कंट्रोल रहता है.