न्यूयॉर्क: कैलिफोर्निया बेस्ड दुनिया की दो दिग्गज कंपनियां 11 साल से जो जंग लड़ रही थी, उसमें गूगल ने बाजी मार ली है. गूगल ने अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट में ओरेकल को मात देते हुए खरबों डॉलर के नुकसान से खुद को बचा लिया. दरअसल, लड़ाई कोडिंग के इस्तेमाल की थी. ओरेकल ने आरोप लगाया था कि गूगल ने उसकी जावा कोडिंग का इस्तेमाल कर एंड्रॉयड सिस्टम बनाया है. जिसके लिए उसने 2010 में कोर्ट में केस किया था.


साल 2018 में जीती ओरेकल


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ओरेकल ने साल 2018 में सैन फ्रांसिस्को फेडरल कोर्ट में लड़ाई जीत ली थी. जिसमें कंपनी ने 8 बिलियन डॉलर का मुआवजा पाने का हक पाया था. इस बार अगर ओरेकल मुकदमा जीतती, तो उसे 20-30 बिलियन डॉलर की रकम मिल सकती थी. लेकिन अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट ने गूगल की अपील पर केस का फैसला दिया और कहा कि अमेरिका में ऐसा कोई कानून नहीं है, जो अलग काम को उसी तरीके से करने को रोकता हो. ओरेकल ने आरोप लगाया था कि गूगल ने उसके जावा सॉफ्टवेयर के कोडिंग की 11,330 लाइनें चोरी की थी. इसके बाद ही गूगल ने एंड्रॉयड को बनाया और खबरों डॉलर का रेवेन्यू हासिल किया. 


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175 बिलियन डॉलर की हैं कंपनियां


गूगल और ओरेकल दुनिया की दो शीर्ष तकनीकी कंपनियां हैं. दोनों की मिश्रित कीमत 175 बिलियन डॉलर से ज्यादा है. दोनों ही कंपनियां कैलिफोर्निया बेस्ड ही हैं. शुरुआत में गूगल इस क्षेत्र में छोटा खिलाड़ी था, लेकिन आज दुनिया के 70 फीसदी स्मार्टफोन में गूगल की ही तकनीकी इस्तेमाल होती है और उसके पास करोड़ों ऐप डेवलपर हैं. गूगल हर रोज कुछ नया पेश करता है. यही वजह है कि वो अपने प्रतिद्वंदी कंपनियों से लगातार आगे निकलता चला गया. बता दें कि गूगल ने शुरुआत एक सर्च इंजन से की थी. लेकिन बाद में मेलिंग सर्विस में भी गूगल का जीमेल सर्विस नंबर वन बन गया था. आज दुनिया में सबसे ज्यादा लोग गूगल के मेल सर्विस को इस्तेमाल करते हैं. आज एंड्रॉयड के इस्तेमाल के लिए भी गूगल की आईडी एक अनिवार्य शर्त सी बन गई है.


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