Dark Web Explained Child Trafficking: इंटरनेट और ब्राउजर के कई फायदे हैं और आज के समय में इनके बिना जीवन कि इमैजिन करना भी मुश्किल है. इंटरनेट के जहां तमाम फायदे हैं उसके कई नुकसान और घिनौने एंगल भी हैं. डार्क वेब (Dark Web) इंटरनेट का ऐसा ही एक घिनौना चेहरा है. डार्क वेब इंटरनेट और ब्राउजिंग का वो हिस्सा है जहां चाइल्ड ट्रैफिकिंग (Child Trafficking) होती है और एक-एक बच्चे से 1.5 करोड़ रुपये तक की कमाई की जाती हैं. आइए डिटेल में जानते हैं कि ये डार्क वेब (What is Dark Web) होता क्या है और यहां चाइल्ड ट्रैफिकिंग (Child Trafficking on Dark Web) किस तरह होती है.. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

Dark Web होता क्या है 


अगर आप सोच रहे हैं कि डार्क वेब (Dark Web) होता क्या है तो आपको बता दें कि ये एक ऐसा ब्राउजर है जहां समाज की काली करतूतों को अंजाम दिया जाता है. डार्क वेब पर हथियारों और ड्रग्स की तसवरी तो होती ही है साथ ही पता चला है कि यहां इन सब चीजों के साथ बच्चों की भी तस्करी (Child Trafficking) भी की जाती है. इस बात को कई किस्सों से प्रमाणित किया जा सकता है. डार्क वेब पर गूगल काम निन करता है, यहां पासवर्ड्स की जगह 'एन्क्रिप्टेड कोड' यूज किया जाता है.   


यहां होती है Child Trafficking 


डार्क वेब पर ऐसी कई सारी वेबसाइट्स हैं जिनको एक साथ 'Alphabay' के नाम से जाना जाता है. 'ब्लैक डेथ ग्रुप' और 'चाइल्ड्स प्ले' जैसे ग्रुप छोटी बच्चियों पर एक प्राइस टैग लगा देते हैं और डार्क वेब के जरिए इन्हें खरीदा और बेचा जाता है. Interpol ने Alphabay को बंद करवाया है लेकिन इसके जैसी कई और वेबसाइट्स हैं जहां चाइल्ड ट्रैफिकिंग चलती है. एक साल में डार्क वेब पर ह्यूमन ट्रैफिकिंग ए जरिए लगभग 12 लाख करोड़ रुपये कमाए जाते हैं. 


1 बच्चे से होती है 1.5 करोड़ की कमाई


यूरोप की एक एजेंसी यूरोपॉल की रिपोर्ट के हिसाब से अमेरिका में हर साल दो लाख से ज्यादा बच्चों का यौन शोषण किया जाता है और हर बच्चे के लियर लगभग 1.5 करोड़ रुपये की कमाई की जाती है. बच्चों पर कियए जा रहे यौन शोषण की लाइव स्ट्रीमिंग भी की जाती है. रिपोर्ट में यह पता चलता है कि दो करोड़ लोगों की तस्करी एक बार में होती है और उनमें से 25% से ज्यादा को सेक्स स्लेव की तरह खरीदा और बेचा जाता है. 


ये ख़बर आपने पढ़ी देश की नंबर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर.