SMS History: मोबाइल इस्तेमाल करने वाला हर शख्स एसएमएस के बारे में जानता है. आज एक दूसरे से कम्यूनिकेट करने के कई तरीके उपबल्ध हैं जैसे सोशल मीडिया, व्हाट्सएप आदि लेकिन अब भी एसएमएस का महत्व बना हुआ है. हालांकि एक वक्त ऐसा भी था जब यह मोबाइल यूजर के बीच कम्युनिकेशन का बहुत बड़ा जरिया था.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

दुनिया के हर मोबाइल यूजर ने कभी न कभी किसी को एसएमएस भेजा होगा लेकिन इसके बावजूद इसके बारे ज्यादर बातें लोगों को पता नहीं जैसे कि पहला एसएमएस कब भेजा गया था या फिर इसे कब बनाया गया था. आज हम आपको एसएमएस से जुड़े कुछ ऐसे ही रोचत तथ्य बताने जा रहे हैं.


1-एसएमएस का फुल फॉर्म है शॉर्ट मैसेज सर्विस. एसएमएस एक मैसेज सर्विस है जिसमें दो या अधिक लोग एक दूसरे से टेक्स्ट मैसेज के जरिए संवाद कर सकते हैं.


2-पहला एसएमएस संदेश 3 दिसंबर 1992 को भेजा गया था. सेमा ग्रुप के एक टेस्ट इंजीनियर नील पापवर्थ ने सहयोगी रिचर्ड जार्विस के ऑर्बिटेल 901 फोन पर ‘मेरी क्रिसमस’ लिखकर भेजा था.


3-फ्रीडेलम हिलेब्रांड और बर्नार्ड गिलेबर्ट ने 1984 में इस एसएमएस कॉन्सेप्ट को दुनिया के सामने रखा था.  


4-एसएमएस को इस्तेमाल करना बेहद आसान है. इसके लिए किसी एप या सॉफ्टवेयर को इंस्टॉल करना जरूरी नहीं है. यह हर फोन में पहले से ही उपलब्ध होता है.


5-एसएमएस को भेजने के लिए इंटरनेट नहीं बल्कि नेटवर्क की जरुरत होती है अगर आपके फोन में नेटवर्क नहीं है तो आप एसएमएस नहीं भेज पाएंगे. अगर रिसीवर के फोन में नेटवर्क नहीं है तो उसे आपका भेजा एसएमएस नहीं मिल पाएगा. लेकिन जब रिसीवर के फोन में नेटवर्क आएगा उसे एसएमएस मिल जाएगा.


 पाठकों की पहली पसंद Zeenews.com/Hindi - अब किसी और की जरूरत नहीं