Janmashtmi Festival: कृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. हर शहर में जन्मोत्सव की अलग ही धूम होती है. उन शहरों में जहां भगवान कृष्ण के जन्म से जुड़ी कुछ मान्यताएं हैं, वहां जन्माष्टमी की अलग धूम होती है. हर त्योहार की तरह ही हमारे घरों में जन्माष्टमी का त्योहार भी बड़ी धूम से मनाया जाता है. इस दिन कान्हा जी की पूजा की जाती है और उन्हें अलग-अलग तरह के भोग चढ़ाए जाते हैं, लेकिन ये एक ऐसा त्योहार है जो कई जगह बेहद अनोखे अंदाज में मनाया जाता है, तो अगर आप जन्माष्टमी के मौके पर घूमना चाहते हैं साथ ही कान्हा जी के जन्मोत्सव में भी शामिल होना चाहते हैं तो इस बार आपको इन जगहों के बारे में जानना जरूरी है जहां जाकर आप जन्माष्टमी का आनंद उठा सकते हैं


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जन्मस्थल मथुरा


मथुरा कान्हा जी का जन्मस्थल है, यहां कृष्ण जन्मोत्सव बहुत जोरों से मनाया जाता है. इसके आस-पास कई सारी ऐसी जगह हैं जिनका कृष्ण भगवान से कुछ न कुछ नाता रहा है. इस पूरे इलाके में ही जन्मोत्सव की जोरदाम धूम रहती है. कई दिन पहले से उत्सव की तैयारी की जाती है. विदेशों से फूल मंगाए जाते हैं और 56 प्रकार के भोग लगाए जाते हैं. आप जन्मोत्सव के मौके पर मथुरा जा सकते हैं और साथ ही वृंदावन और बरसाना के जन्मोत्सव के भी दर्शन कर सकते हैं. इस दौरान आपको हर कहीं भंडारे और आश्रम मिल जाएंगे जो आपकी यात्रा का खर्च कम कर देंगे.


पुरी में पूजते हैं बालकृष्ण


पुरी जाकर भी आप कृष्ण जन्माष्टमी की धूम देख सकते हैं. रात को भगवान के बालरूप की पूजा होती है. फूलों से सजे झूले पर उन्हें झुलाया जाता है. यहां जन्माष्टमी के बाद भी 17 दिनों तक इसकी रौनक देखने को मिलती है. बच्चे श्रीकृष्ण का रूप धारण कर नाटक की प्रस्तुति करते हैं. 


द्वारका में रास


द्वारका कृष्ण की कर्मस्थली रही है. भगवान ने अपने जीवन का एक लंबा हिस्सा द्वारका में ही बिताया. यहां के लोग कृष्ण जन्मोत्सव बड़े धूम के साथ मनाते हैं. भगवान को अच्छे से सजाया जाता है और खास पूजा की जाती है. द्वारका में जन्माष्टमी पर खूबसूरत मेला लगता है. पारंपरिक डांस किया जाता है और रातभर रासलीला का मंचन होता है. 


खास है मुंबई की दही हांडी


मुंबई में जन्माष्टमी के मौके पर दही-हांडी के प्रोग्राम का जोरों से चलन है. इसमें सभी लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं. दही-हांडी का उत्सव एक कॉम्प्टीशन की तरह होता है जहां दूर-दूर से लोग हिस्सा लेने आते हैं इसमें जीतने वाले को इनाम भी दिया जाता है. वैसे तो देश में हर जगह अब दही-हांडी प्रचलित है लेकिन मुंबई का उत्सव देखने लायक है.


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