नई दिल्ली: दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल, जम्मू-कश्मीर बारामुला लिंक रेल प्रोजेक्ट (Jammu and Kashmir Baramulla Link Rail Project) के तहत बनने वाले चिनाब आर्क का निचला आर्क सफलतापूर्वक जोड़ दिया गया है. इतना ही नहीं इस महीने के अंत तक ऊपर वाले आर्क का काम भी पूरा कर लिया जाएगा. इसके बाद रेलवे, ट्रैक बिछाने का काम शुरू कर देगा.  272 किलोमीटर लंबाई वाले इस रेल लिंक प्रोजेक्ट का 161 किलोमीटर ट्रैक बनकर तैयार है. इसमें 119 किलोमीटर का ट्रैक टनल से होकर गुजरता है.


मील का पत्थर साबित होगा ये पुल 


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गौरतलब है कि आजादी के बाद भारतीय रेलवे के इतिहास में यह पुल विज्ञान और तकनीक का बेहतरीन नमूना पेश करेगा. आपको बता दें कि इस प्रोजेक्ट में कुल 38 टनल हैं. इसमें सबसे लंबी टनल की लंबाई 12.75 किलोमीटर है. ब्रिज को बनाने के लिए खास तरह के दो केबल कार बनाए गए हैं, जिनकी क्षमता 20 और 37 मीट्रिक टन है. रेल अधिकारियों के मुताबिक 266 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से भी अगर हवा चली तो यह पुल आसानी से टिका रहेगा.



28 हजार करोड़ रुपये का ऐतिहासिक प्रोजेक्ट


उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक पर 111 किलोमीटर के सबसे कठिन सेक्शन को उत्तर रेलवे ने दिसंबर 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है. 272 किलोमीटर के इस रेल लिंक पर 28 हजार करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. 111 किलोमीटर के कटड़ा-बनिहाल सेक्शन पर काम चल रहा है. 2002 में इसे राष्ट्रीय महत्व का प्रोजेक्ट घोषित किया गया था. 


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अगले 120 साल के लिए बनाया जा रहा पुल


भारतीय रेलवे की राष्ट्रीय परियोजना के इतिहास में ये पुल अब तक का सबसे जटिल और चुनौतीपूर्ण होगा. जिसे अगले 120 साल के लिए बनाया जा रहा है. पुल निर्माण साइट की भौगोलिक परिस्थितियां भूकंप और तेज हवा से भी टकराने की क्षमता रखती है. इंजीनियरिंग का अजूबा कहा जा रहा यह पुल तमाम पहलुओं को ध्यान में रखकर पूरी मजबूती से पूरा होने जा रहा है। जल्द ही पर्यटक इस पुल से यात्रा कर सकेंगे. 


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