Religious Trip: यहां बसा है पूरा यमलोक, धनतेरस पर कर आएं यमराज की पूजा
Dhanteras Yam Mandir: धनतेरस और नरक चतुर्दशी के दिन यमराज की पूजा करने का खास महत्व है. इस दिन यम की आराधना करने से पापों से मुक्ति मिलती है. भारत में यमलोक की तरह ही एक जगह है. जहां यम की आराधना की जा सकती है.
Yamraj Mandir: यमराज का नाम सुनते ही हर किसी की रूह कांपने लगती है. यम को मृत्यु का देवता माना जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार धरती से दूर यमलोक में यमराज का निवास है, जहां जीवन और मृत्यु का फैसला होता है. आपको जानकर हैरानी होगी कि धरती पर भी यम का निवास है. इस जगह पर जाने से हर कोई डरता है और लोग दूर से ही यम देवता के हाथ जोड़ लेते हैं. आइए जानते हैं कि ये जगह कहां है.
कहां है यमराज मंदिर
धरती पर यमराज का निवास हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले की भरमौर नामक जगह पर है. यहां यमराज का मंदिर बना हुआ है. खास बात ये है कि यहां यमराज के साथ चित्रगुफ्त का कमरा भी बना हुआ है. धनतेरस के दिन यहां पर काफी भीड़ होती है.
यमलोक की तरह है मंदिर
ये मंदिर यमलोक की तर्ज पर ही बना हुआ है. गरुड़ पुराण में उल्लेख मिलता है कि यमलोक में चार दरवाजे हैं, जो स्वर्ग और नरक की ओर जाते हैं. भरमौर के यम मंदिर में भी 4 दरवाजे हैं जो सोने, चांदी, तांबे और लौहे से बने हुए हैं. यमराज के मंदिर में चित्रगुप्त का कमरा भी है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार चित्रगुप्त ही जीवों के कर्मों का लेखा-जोखा करते हैं. मंदिर में यमराज की अदालत भी है. माना जाता है कि यमदूत कर्मों के फैसले के लिए आत्मा को यमराज की अदालत में पेश करते हैं. मंदिर के बगल में सीढ़ियां भी हैं. इन्हें स्वर्ग की सीढ़ी कहा जाता है.
धनतेरस की पूजा का है खास महत्व
धनतेरस और नरक चतुर्दशी के दिन यमराज की पूजा का खास महत्व है. इस दिन दीपक जलाकर यम की पूजा करने से यमराज प्रसन्न होते हैं. मान्यताओं के अनुसार यमराज की आराधना करने से अकाल मृत्यु का भय खत्म हो जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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