64 साल के सद्गुरु बाइक से 27 देशों की 30 हजार KM करेंगे यात्रा, `मिट्टी` से जुड़ा है मकसद
भारतीय अध्यात्मिक गुरु और पर्यावरणविद सद्गुरु (Spiritualist and Environmentalist Sadhguru) मिट्टी को बचाने के लिए जागरूकता अभियान की शुरुआत की है. `जर्नी टू सेव सॉइल` (Save Soil Journey) नामक इस अभियान में सद्गुरु 100 दिनों की यात्रा अकेले बाइक पर करेंगे. इस 30,000 किलोमीटर की यात्रा (30,000 km Journey) के दौरान वह अगले कुछ महीनों में यूके, यूरोप और मिडल-ईस्ट से होते हुए भारत तक 27 देशों से गुजरेंगे. वह 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day) के अवसर पर भारत के कावेरी बेसिन में इसका अभियान को खत्म करेंगे.
यात्रा को हरी झंडी
लंदन के पार्लियामेंट स्क्वायर से सद्गुरु के 30,000 किलोमीटर के बाइक की यात्रा को फ्लैग ऑफ किया गया. वो BMW K1600 GT मोटरसाइकिल पर सवार हैं. 100 दिनों की कठिन यात्रा पर निकलने से पहले लोग उन्हें शुभकामनाएं देने के लिए स्क्वायर पर जमा हुए.
30,000 किलोमीटर की यात्रा
64 वर्षीय आध्यात्मिक गुरु इस सप्ताह एम्स्टर्डम (Amsterdam), बर्लिन (Berlin) और प्राग (Prague) पहुंचेंगे. सद्गुरु अपने 100 दिवसीय दौरे पर 30,000 किलोमीटर की यात्रा करेंगे और दुनिया भर के 27 देशों से होकर गुजरेंगे. इस दौरान वह दुनिया के नेता, मीडिया और विशेषज्ञों से मिलेंगे और मिट्टी को बचाने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने पर जोर देंगे.
75 दिनों में पहुंचेंगे दिल्ली
सद्गुरु ने भारत की स्वतंत्रता के 75वें वर्षगांठ के उपलक्ष्य में 75 दिनों में नई दिल्ली पहुंचने का लक्ष्य रखा है. संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन टू कॉम्बैट डेजर्टिफिकेशन (United Nations Convention to Combat Desertification) के अनुसार, धरती की 90% से अधिक मिट्टी 2050 तक खराब हो सकती है.
अभी से करनी होगी तैयारी
सद्गुरु ने यात्रा पर निकलने से पहले भारतीय उच्चायोग में संवाददाताओं से कहा कि यह बेहद महत्वपूर्ण है कि हम अभी कार्रवाई करें. मैं 24 वर्षों से इस बारे में बात कर रहा हूं, लेकिन समाधान तभी हो सकता है, जब हर देश में सकारात्मक नीति हो.
बर्फबारी में भी करेंगे यात्रा
उन्होंने कहा कि यूरोप के कई हिस्सों में अभी भी बर्फबारी हो रही है, इसके बावजूद हम बाइक से गुजरेंगे. इस उम्र में बाइक चलाना आरामदायक नहीं है. मैं इसलिए ऐसा कर रहा हूं, क्योंकि पिछले 20 साल में 3,00,000 से अधिक किसानों ने आत्महत्या कर ली है. यह केवल भारत में ही नहीं, दुनिया भर में हो रहा है. मेरी मुख्य चिंताओं में से एक मिट्टी की होने जा रही कमी है.