Akasa Air: डीजीसीए (DGCA) की हालिया कार्रवाई उन सात यात्रियों को विमान में सवार नहीं होने देने से संबंधित है. उन यात्रियों ने छह सितंबर को बेंगलुरु से पुणे के लिए टिकट लिया था.
Trending Photos
Fine on Akasa Air: एविएशन रेग्युलेटर डीजीसीए (DGCA) ने अकासा एयर पर 10 लाख रुपये की पेनाल्टी लगाई है. सूत्र ने बताया कि यह पेनाल्टी सितंबर महीने में बेंगलुरु एयरपोर्ट पर विमान में सवार होने से वंचित रहे कुछ यात्रियों को समय पर मुआवजा नहीं देने के कारण लगाया गया है. हाल के महीनों में एयरलाइन कुछ नियमों के उल्लंघन के आरोप में रेग्युलेटर जांच के दायरे में आई है. महीने की शुरुआत में, कुछ पायलटों ने भी एयरलाइन पर ट्रेनिंग को लेकर चिंता जताई थी. हालांकि, कंपनी की तरफ से इन सभी आरोपों को निराधार बताया गया था.
सात यात्रियों को चढ़ने से रोक दिया
सूत्र ने बताया कि नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) की हालिया कार्रवाई उन सात यात्रियों को विमान में सवार नहीं होने देने से संबंधित है. उन यात्रियों ने छह सितंबर को बेंगलुरु से पुणे के लिए टिकट लिया था. जिस विमान को उड़ान संचालित करनी थी, उसे विदेशी वस्तु क्षति और प्रतिस्थापन विमान के कारण रोक दिया गया था. इसमें नौ गैर-परिचालन सीटें थीं, जिसके परिणामस्वरूप सात यात्रियों को चढ़ने से रोक दिया गया. बाद में, यात्रियों को रात 10.40 बजे के निर्धारित प्रस्थान समय के साथ इंडिगो की उड़ान में ले जाया गया. यह उड़ान समय वास्तविक अकासा उड़ान के निर्धारित प्रस्थान समय से एक घंटे से अधिक था.
नोटिस के बाद यात्रियों को मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू की
सूत्र ने कहा कि यात्रियों को कोई मुआवजा नहीं दिया गया जो डीजीसीए के नियमों के खिलाफ था. डीजीसीए (DGCA) ने 23 दिसंबर के आदेश में कहा कि नियामक के कारण बताओ नोटिस के बाद ही अकासा एयर ने संबंधित यात्रियों को मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू की. नियामक ने अकासा एयर सुधारात्मक कार्रवाई सहित अपना जवाब देने को कहा था. सूत्र ने बताया कि जवाब में, एयरलाइन ने सही सीट नहीं होने के कारण सात यात्रियों को सवार होने की अनुमति नहीं देने को उचित ठहराया था.
कंपनी ने कहा कि उसने बिना मुआवजे के एक वैकल्पिक उड़ान की व्यवस्था की थी. सूत्र ने कहा कि डीजीसीए ने एयरलाइन पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाते हुए कहा कि मामले में समय रहते सुधारात्मक कार्रवाई की जा सकती थी. एयरलाइन के प्रवक्ता ने कहा कि उसे डीजीसीए से आदेश मिला है. प्रवक्ता ने कहा, ‘हम इस मामले को सुलझाने और नियामक की आवश्यकता के अनुसार कार्यों के लिए डीजीसीए के साथ मिलकर काम करते रहेंगे.’