अगर आप भारत से इस खूबसूरत देश की यात्रा करने का सपना देख रहे हैं, तो अब आपको अपनी जेब और भी ज्यादा ढीली करनी पड़ेगी. न्यूजीलैंड ने हाल ही में टूरिस्ट टैक्स को एक ही झटके में तीन गुना बढ़ा दिया है, जिससे छुट्टियों की प्लानिंग करने वालों के लिए बजट में बड़ा झटका लग सकता है. न्यूजीलैंड ने अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों के लिए टूरिस्ट टैक्स में भारी वृद्धि कर दी है.


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1 अक्टूबर से इस देश में घूमने जाने के लिए अब पहले से तीन गुना ज्यादा पैसे देने होंगे. यह टैक्स न्यूजीलैंड के संरक्षण और पर्यटन के लिए लगाया जाता है. न्यूजीलैंड सरकार का कहना है कि टूरिज्म से स्थानीय समुदायों पर दबाव बढ़ता है और संरक्षण क्षेत्रों के रखरखाव के लिए ज्यादा खर्च करना पड़ता है. इसलिए टूरिस्ट टैक्स बढ़ाया जा रहा है. मार्च 2023 से मार्च 2024 के बीच अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों ने न्यूजीलैंड में 11 अरब डॉलर से ज्यादा खर्च किया है.


टूरिस्ट कर रहे टैक्स का विरोध
लेकिन टूरिस्ट टैक्स बढ़ाने के फैसले का विरोध किया जा रहा है. न्यूजीलैंड के टूरिज्म इंडस्ट्री एसोसिएशन का मानना है कि इससे न्यूजीलैंड की वैश्विक प्रतिस्पर्धा कम होगी. इस एसोसिएशन का कहना है कि टूरिस्ट टैक्स बढ़ाने से न्यूजीलैंड के पर्यटन को नुकसान पहुंचेगा और लोग कनाडा और यूके जैसे देशों में जाना पसंद करेंगे जहां उड़ानें ज्यादा हैं और टूरिस्ट टैक्स कम है.


टूरिस्ट वीजा भी हुआ महंगा
न्यूजीलैंड में पर्यटकों को एक और झटका लगा है. 1 अक्टूबर से वहां टूरिस्ट वीजा के दाम भी बढ़ा दिए गए हैं. अब वीजा के लिए 131 डॉलर की जगह 211 डॉलर देने होंगे. अमेरिका, कनाडा, सिंगापुर, जापान और मैक्सिको जैसे 60 देशों के नागरिकों को वीजा छूट मिलती है जिससे वे न्यूजीलैंड में तीन महीने तक पर्यटन के लिए रह सकते हैं. लेकिन अब इन देशों के नागरिकों को भी ई-वीजा लेना होगा और टूरिस्ट टैक्स देना होगा.


नए नियमों के कारण इस साल वीजा प्रोसेसिंग में ज्यादा समय लग सकता है. न्यूजीलैंड इमिग्रेशन ने कहा कि क्रिसमस के दौरान न्यूजीलैंड जाने की योजना बना रहे लोगों को 15 अक्टूबर से पहले और लुना न्यू ईयर के दौरान जाने का प्लान बना रहे लोगों को 15 नवंबर से पहले वीजा के लिए आवेदन करना चाहिए. टूरिस्ट टैक्स को लेकर दुनिया भर में चर्चा हो रही है. दुनिया के लगभग 60 देशों में पर्यटकों से प्रवेश शुल्क लिया जाता है. इन देशों में वेनिस और भूटान शामिल हैं. इन देशों का कहना है कि टूरिस्ट टैक्स से भीड़भाड़, पर्यावरणीय डैमेज और अन्य समस्याओं को कम करने में मदद मिलती है.