`मैं सरेंडर करने आया हूं, मुझे गोली मत मारना`: यूपी में एनकाउंटर के खौफ से गले में तख्ती लटकाकर थाने आया बदमाश
UP Police Encounter: अधिकारी ने कहा कि अंकित वर्मा नाम का व्यक्ति पिछले छह महीने से फरार था. मंगलवार को अंकित वर्मा गले में तख्ती लटकाकर छपिया थाने पहुंचा और चिल्लाकर कहा, `मैं सरेंडर करने आया हूं, मुझे गोली मत मारना.`
UP Police Encounter: पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने के डर से लूट के एक मामले में वॉन्टेड एक व्यक्ति ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया और गले में एक तख्ती लटका ली, जिस पर लिखा था, "मैं सरेंडर करने आया हूं, मुझे गोली मत मारो." एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने इस घटना को उस डर का परिणाम बताया जो पुलिस ने राज्य में अपराधियों के दिल और दिमाग में पैदा कर दिया है. सर्किल ऑफिसर (सीओ) नवीना शुक्ला ने मीडिया को बताया, "यह अपराधियों में पुलिस के डर का नतीजा है कि वे आत्मसमर्पण कर रहे हैं."
छह महीने से फरार अपराधी फिर किया सरेंडर
अधिकारी ने कहा कि अंकित वर्मा नाम का व्यक्ति पिछले छह महीने से फरार था. मंगलवार को अंकित वर्मा गले में तख्ती लटकाकर छपिया थाने पहुंचा और चिल्लाकर कहा, "मैं सरेंडर करने आया हूं, मुझे गोली मत मारना." आईएएनएस के अनुसार, पुलिस अधिकारी ने कहा कि तख्ती पर उनकी लिखावट में वही संदेश लिखा था. अधिक जानकारी देते हुए अधिकारी ने कहा कि महुली खोरी गांव के निवासी अमरजीत चौहान ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि इस साल 20 फरवरी को कॉलेज से घर लौटते समय दो लोगों ने बंदूक की नोक पर उसे लूट लिया था.
तख्ती लटकाकर थाने आया आरोपी
अधिकारी ने कहा, शिकायत में दावा किया गया है कि हमलावरों ने उन्हें पिपराही पुल के पास रोका और बंदूक की नोक पर उनका दोपहिया वाहन, मोबाइल फोन और बटुआ लूट लिया. सीओ नवीना शुक्ला ने कहा, "इसके बाद डकैती का मामला दर्ज किया गया और जांच के दौरान अंकित वर्मा और एक अन्य व्यक्ति का नाम सामने आया, पुलिस अधीक्षक अंकित मित्तल ने उनकी गिरफ्तारी पर 20,000 रुपये का इनाम भी घोषित किया." थाना प्रभारी सुरेश कुमार वर्मा ने बताया कि कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद अंकित वर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया है.
यूपी में कई अपराधी करने आते हैं सरेंडर
हाल के दिनों में, उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों से ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां वॉन्टेड अपराधी कड़ी पुलिस कार्रवाई और बुलडोजर की मदद से उनकी संपत्तियों को नष्ट किए जाने के डर से कानून के सामने आत्मसमर्पण करने के लिए पुलिस स्टेशनों में चले गए.