Budget 2023: इस वित्त मंत्री ने पेश नहीं किया एक भी बजट, क्या आपको पता है पहली बार कब पेश हुआ बजट
Budget Facts: नौकरीपेशा को उम्मीद है कि इस बार वित्त मंत्री नौ साल पुरानी मांग पर राहत देंगी और आयकर छूट की सीमा में इजाफा करेंगी. इसके अलावा इस बार पीपीएफ और 80सी की लिमिट भी बढ़ाए जाने की उम्मीद है.
Union Budget 2023: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2023 को देश का आम बजट पेश करेंगी. इस बार बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू होगा. हर बार की तरह इस बार के बजट से आम आदमी से लेकर नौकरीपेशा और किसानों को काफी उम्मीदें हैं. नौकरीपेशा को उम्मीद है कि इस बार वित्त मंत्री नौ साल पुरानी मांग पर राहत देंगी और आयकर छूट की सीमा में इजाफा करेंगी. इसके अलावा इस बार पीपीएफ और 80सी की लिमिट भी बढ़ाए जाने की उम्मीद है. आइए जानते हैं बजट से जुड़ी ऐसी बातें जिसे आप शायद ही जानते होंगे.
कब पेश हुआ देश का पहला बजट?
बजट में सरकार आगामी साल के लिए आय और व्यय का लेखा-जोखा पेश करती है. सरकार द्वारा सालभर का देश की आय और व्यय का लेखा-जोखा पेश करने की शुरुआत ब्रिटेन में हुई थी. ब्रिटिश काल में पहली बार 7 अप्रैल 1860 को बजट पेश किया गया था. फाइनेंस मेंबर जेम्स विल्सन ने इस बजट को पेश किया था.
इस वित्त मंत्री ने पेश नहीं किया एक भी बजट
अपने देश में एक ऐसी वित्त मंत्री भी हुए जिन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान बजट पेश नहीं किया. 1948 में 35 दिन तक वित्त मंत्री रहे केसी नियोगी, अकेले ऐसे वित्त मंत्री है, जिन्होंने एक भी बार बजट पेश नहीं किया. उनके बाद जॉन मथाई भारत के तीसरे वित्त मंत्री बने.
सबसे अधिक बार पेश किया बजट
भारत में सबसे अधिक बार भारत का बजट मोरारजी देसाई ने पेश किया है. मोरारजी देसाई ने वित्त मंत्री के रूप में दस बार देश का बजट पेश किया है. इसमें आठ बजट और दो अंतरिम बजट शामिल हैं.
लाल बैग की परंपरा खत्म
सबसे पहले जब ब्रिटेन के वित्त मंत्री संसद में सरकार का खर्च और आय की जानकारी देते थे और इसे चमड़ें के लाल बैग में लेकर आया जाता था लेकिन भाजपा सरकार ने लाल बैग की परंपरा को खत्म किया.
जीएसटी का पहली बार जिक्र
28 फरवरी, 2006 को तत्कालीन फाइनैंस मिनिस्टर पी. चिदंबरम ने पहली बार बजट में जीएसटी की बात की थी. पहली बार यूपीए-2 के कार्यकाल में चिदंबरम की ओर से राष्ट्रीय एकल टैक्स की बात कही गई थी.
इंफ्रास्ट्रक्चर की बात कब हुई?
आपको बता दें कि देश की आजादी के बाद 30 साल तक पेश किए गए आम बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर शब्द का प्रयोग तक नहीं हुआ था. यह शब्द 1990 में ही चर्चा का विषय बना था. और आज यह इंफ्रास्ट्रक्चर दे की अर्थव्यवस्था में अपनी खास जगह बनाए हुए है.
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