Budget 2023: आदिवासी तबके की बनेगी जेनेटिक कुंडली, सिकल सेल एनीमिया खत्म करने की योजना
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Budget 2023: आदिवासी तबके की बनेगी जेनेटिक कुंडली, सिकल सेल एनीमिया खत्म करने की योजना

 Budget 2023 for Health Sector: इस साल के बजट में हेल्थ पर होने वाले खर्च में इजाफा किया गया है. इसके साथ ही सरकार द्वारा साल 2047 तक सिकल सेल एनीमिया (Sickle Cell Anaemia) को खत्म करने की योजना बनाई जा रही है. आपको बता दें कि यह बीमारी ज्यादातर गुजरात, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ समेत 6 राज्यों के 200 जिलों में पाई जाती है.

फाइल फोटो

Budget 2023 India: इस बार के बजट में देश के हेल्थ सेक्टर पर ज्यादा ध्यान दिया गया है. आपको बता दें कि सरकार द्वारा साल 2047 तक सिकल सेल एनीमिया (Sickle Cell Anaemia) खत्म करने के लिए मिशन शुरु किया जाएगा. आज (बुधवार) पेश किए गए बजट 2023 में इसका ऐलान किया गया. गुजरात, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ समेत 6 राज्यों के 200 जिलों में ये बीमारी पाई जाती है. सिकल सेल एनीमिया बच्चों में जेनेटिक ब्लड डिसऑर्डर (Genetic Blood Disorder) होता है. स्वास्थ्य मंत्रालय (Ministry of Health) के मुताबिक मरीज की उम्र 40-45 वर्ष तक ही रहती है.

ट्राइबल सेक्टर में पाई जाती है ये जेनेटिक बीमारी

ट्राइबल सेक्टर में इसके लिए टेस्टिंग शुरु की जाएगी. आदिवासी तबके में महिला और पुरुष दोनों को पॉजिटिव होने का कार्ड मिलेगा. अगर दोनों पॉजिटिव हों तो आपस में शादी ना करने की सलाह दी जाएगी. महिला-पुरुष दोनों पॉजिटिव हों तो बच्चे के सिकल सेल एनीमिया का शिकार होने की संभावना 100% होती है. अगर दोनों में से एक पॉजिटिव हो तो 50% संभावना है कि बच्चे में ये बीमारी होगी.

आदिवासी बहुल छत्तीसगढ़ से होगी मिशन की शुरुआत

भारत में आदिवासी आबादी में हर 86 में से एक बच्चा सिकल सेल एनीमिया के साथ पैदा होता है. इस बीमारी में बच्चे के खून में मौजूद Red Blood Cells प्रभावित होते हैं और हीमोग्लोबिन कम बनता है जिससे बच्चा लंबी उम्र नहीं जी पाता. भारत में आदिवासी मंत्रालय (Ministry of Tribal Affairs) ने 2018 में स्क्रीनिंग की थी जिसमें 1 लाख 14 हजार लोग शामिल हुए थे. इसमें से 95 हजार लोगों में बीमारी का जीन (Gene) पाया गया जबकि 47 हजार लोग बीमारी के शिकार मिले.

बजट में Health Sector को मिली बड़ी सौगात

1- 157 नए नर्सिंग मेडिकल कालेज

2- सभी कॉलेजों के लिए ग्रांट देगी सरकार, 60% केंद्र और 40% राज्य खर्च करेंगे. 

3- मोटे अनाज यानी मिलेट्स को बढ़ावा देने की योजना.

4- फूड स्ट्रीट के जरिए और मंत्रालयों की कैंटीन से शुरुआत हो सकती है, बच्चों के स्कूलों तक मिलेट्स को पहुंचाने के लिए रेसिपी तैयार की जाएंगी. 

5- ICMR की लैब्स बढ़ाई जाएंगी. 

6- प्राइवेट पब्लिक सेक्टर में पार्टनरशिप बढ़ाकर ज्वाइंट रिसर्च की योजना. फार्मा सेक्टर की भागीदारी भी लैब्स में बढ़ाई जाएंगी. 

7- इस बार स्वास्थ्य का बजट करीब 89 हजार करोड़ है जो कि पिछली बार करीब 86 हजार करोड़ रुपये था आपको बात दें कि इसमें लगभग 2.71% की बढोत्तरी की गई है.

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