Economic Survey 2023: आज संसद में आर्थिक सर्वे पेश किया गया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने इस सर्वे में कई बड़े ऐलान किए हैं. किसानों से लेकर महिलाओं तक सभी पर सरकार का फोकस है. इसके साथ ही इस बार के बजट में सरकार छोटे किसानों को प्राथमिकता दी जाएगी. राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने बताया कि सरकार ने पूरी पारदर्शिता के साथ करोड़ों लोगों को 27 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि मुहैया कराई है. इसके साथ ही कोरोना काल में कई खास ऐलान किए थे. आइए आज हम आपको इकोनॉमिक सर्वे की 10 बड़ी बातों के बारे में बताते हैं-


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1. 2023-24 के दौरान भारत की जीडीपी विकास दर 6.0 से 6.8 फीसदी रहेगी, जो वैश्विक आर्थिक और राजनीतिक घटनाक्रमों पर निर्भर है. इकोनॉमिक सर्वे 2022-23 का अनुमान है कि जीडीपी विकास दर वित्त वर्ष 2024 के लिए वास्तविक आधार पर 6.5 फीसदी रहेगी.


2. राष्ट्रपति ने जानकारी देते हुए बताया कि पिछले 8 सालों के दौरान देश में मेट्रो नेटवर्क में 3 गुना से भी ज्यादा की बढ़ोतरी देखने को मिली है. इस समय 27 शहरों में मेट्रो ट्रेनों पर काम चल रहा है. 


3. सूक्ष्म, लघु और मध्यम उध्यम क्षेत्र (MSME Sector) के लिए लोन में इजाफा देखने को मिला है. जो कि जनवरी-नवंबर 2022 के दौरान औसतन 30. 5 फीसदी रही है. 


4. महिलाओं की सुरक्षा के लिए बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान को भी काफी सफलता मिली है. इसके साथ ही महिलाओं का स्वास्थय भी पहले की तुलना में बेहतर हुआ है. साथ ही महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए सरकार की तरफ से कई योजनाएं चलाई जा रही हैं. 


5. इसके साथ ही देश के गरीबों के लिए कई योजनाएं शुरू की गई है. गरीबी हटाओ सिर्फ एक नारा नहीं है. गरीबों के लिए आयुष्मान भारत योजना के तहत करीब 50 करोड़ देशवासियों का फ्री इलाज किया जा रहा है. 


6. केन्द्र सरकार का कैपेक्स जो वित्त वर्ष 2023 के आठ महीनों के दौरान 63.4 फीसदी की दर से बढ़ा, यह वर्तमान वर्ष के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास को गति देने का प्रमुख कारण रहा है. आरबीआई का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2023 के लिए महंगाई दर 6.8 फीसदी रहेगी, जो इसके लक्ष्य सीमा से अधिक है.


7. इसके साथ ही राष्ट्रपति ने कहा है कि पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत करोड़ों लोगों को फ्री राशन मिला है. आने वाले समय में भी यह योजना लागू रहेगी. मोदी सरकार का यह कदम गरीबी हितैषी सरकार की पहचान है. गरीबों की इस योजना के लिए सरकार अब तक 3 लाख करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है. 


8. निर्माण गतिविधियों में प्रवासी श्रमिकों के लौटने से, निर्माण सामग्री के जमा होने की प्रक्रिया, जो पिछले साल के 42 महीनों के मुकाबले वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही में 33 महीनों की रही है, में महत्वपूर्ण कमी दर्ज करने में मदद मिली है.


9. वित्त वर्ष 2022 में निर्यात में तेजी दर्ज की गई, वित्त वर्ष 2023 की पहली छमाही में उत्पादन प्रक्रिया में तेज वृद्धि दर्ज की गई है. इसके साथ ही वित्त वर्ष 2023 की दूसरी तिमाही में निजी खपत जीडीपी के फीसदी के रूप में 58.4 फीसदी रही, जो 2013-14 के बाद के सभी वर्षों की दूसरी तिमाहियों के मुकाबले सबसे ज्यादा है, जिसे संपर्क आधारित सेवाओं जैसे व्यापार, होटल और परिवहन की मजबूती से समर्थन मिला.


10. विश्व व्यापार संगठन का अनुमान है कि वैश्विक व्यापार में वृद्धि 2022 के 3.5 फीसदी के मुकालबे 2023 में 1.0 प्रतिशत के निम्न स्तर पर रहेगी.


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