बुनियादी ढांचा क्षेत्र के लिए 5.97 लाख करोड़, परिवहन को 1.34 लाख करोड़ रुपए का आवंटन
जेटली ने सरकार के स्मार्ट सिटी मिशन और अमृत के अन्तर्गत किए गए कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि स्मार्ट सिटी मिशन के तहत 2.04 लाख करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ 99 शहरों का चयन किया गया है.
नई दिल्ली: भारतीय अर्थव्यवस्था में बुनियादी ढांचा क्षेत्र के महत्व को देखते हुए आम बजट 2018-19 में क्षेत्र के लिए आवंटन में उल्लेखनीय वृद्धि की गई है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने बजट भाषण में इस क्षेत्र के लिए बजटीय और अतिरिक्त बजटीय व्ययों को 2017-18 के 4.94 लाख करोड़ रुपए से बढ़ाकर 2018-19 में 5.97 लाख करोड़ रुपए करने का प्रस्ताव किया है. इसके अलावा 2018-19 में परिवहन क्षेत्र के लिए 1,34,572 करोड़ रुपए का अब तक का सबसे अधिक आवंटन किया गया जबकि आपदाओं से निपटने के लिए बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देते हुए 60 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया.
शहरी बुनियादी ढांचा क्षेत्र में सरकार ने समग्र बुनियादी ढांचे और कौशल विकास के माध्यम से 10 प्रमुख पर्यटन स्थलों के विकास का प्रस्ताव दिया है. इसके अलावा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के 100 आदर्श स्मारकों का भी उन्नयन किया जाएगा. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सरकार के स्मार्ट सिटी मिशन और अमृत के अन्तर्गत किए गए कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि स्मार्ट सिटी मिशन के तहत 2.04 लाख करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ 99 शहरों का चयन किया गया है. 2,350 करोड़ रुपए मूल्य की परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं और 20,852 करोड़ रुपए की परियोजनाओं पर काम चल रहा है. धरोहर शहरों को पुन: विकसित करने के लिए राष्ट्रीय धरोहर शहर विकास और संवर्धन योजना को अंजाम दिया जा चुका है.
अमृत कार्यक्रम के अंतर्गत 500 शहरों के लिए 77,640 करोड़ रुपए की राज्य स्तरीय योजनाओं को स्वीकृति दे दी गई है. 19,428 करोड़ रुपए मूल्य की 494 परियोजनाओं के लिए जल आपूर्ति अनुबंध और 12,429 करोड़ रुपए की लागत की 272 परियोजनाओं के लिए सीवर कार्यों के लिए अनुबंध प्रदान कर दिए गए हैं. वित्त मंत्री ने कहा कि 482 शहरों ने क्रेडिट रेटिंग प्रारंभ कर दी है और 144 शहरों को निवेश ग्रेड रेटिंग प्राप्त हो चुकी है. वित्त मंत्री ने घोषणा की कि उनका मंत्रालय शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश के अलावा वित्तीय बुनियादी परियोजनाओं में मदद के लिए इंडिया इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड को मदद प्रदान करेगा.
सड़क क्षेत्र में हाल ही में स्वीकृत भारतमाला परियोजना का उद्देश्य प्रथम चरण में 5,35,000 करोड़ रुपए की लागत से करीब 35 हजार किलोमीटर राजमार्ग को विकसित करना है. सीमावर्ती क्षेत्रों पर संपर्क में वृद्धि के क्रम में, वित्त मंत्री ने घोषणा की कि सरकार सेला पास के अंतर्गत सुरंग का निर्माण कराएगी. उन्होंने यह भी घोषणा की कि पर्यटन और आपातकालीन चिकित्सा देखभाल को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार सी-प्लेन गतिविधियों में निवेश को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा तैयार करेगी.
नागर विमानन क्षेत्र में, बजट 2018-19 में हवाई अड्डा क्षमता में पांच गुना विस्तार के लिए एक वर्ष में एक अरब की आवाजाही को नियंत्रित करने को एक नवीन पहल नभ निर्माण की घोषणा की गई है. इसी तरह वित्त मंत्री ने डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के लिए आवंटन को दोगुना कर 3,073 करोड़ रुपए करने का प्रस्ताव किया है. दूरसंचार बुनियादी ढांचे के निर्माण और विस्तार के लिए बजट में 10 हजार करोड़ रुपए प्रदान किए गए हैं. सरकार ने 5 करोड़ ग्रामीण नागरिकों तक ब्रॉडबैंड सुविधा प्रदान करने के लिए 5 लाख वाई-फाई स्थलों के निर्माण का प्रस्ताव दिया है.
खेतीबाड़ी और ग्रामीण विकास पर जोर: आयकर दरों, स्लैब में बदलाव नहीं
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आम चुनाव से पहले भाजपा नीत राजग सरकार के अपने अंतिम पूर्ण बजट में गुरुवार (1 फरवरी) को एक तरफ खेतीबाड़ी, ग्रामीण बुनियादी ढांचे, सूक्ष्म एवं लधु उद्यमों तथा शिक्षा एवं स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए खजाना खोल कर आम लोगों को लुभाने का प्रयास किया, वहीं वेतन भोगी लोगों और वरिष्ठ नागरिकों को कर और निवेश में राहत देने की भी घोषणाएं की. वित्त मंत्री ने हालांकि आयकर दरों और स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया पर वेतनभोगियों के लिए 40,000 रुपए वार्षिक की मानक कटौती की जरूर घोषणा की. इससे इस वर्ग के करदाताओं को कुल मिलाकर 8,000 करोड़ रुपए का फायदा होने का अनुमान है.
लोकसभा में लगातार पांचवां बजट पेश करते हुए जेटली ने सभी कर योग्य आय पर स्वास्थ्य और शिक्षा उपकर 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 4 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया. साथ ही सामाजिक कल्याण योजनाओं के वित्त पोषण के लिये 10 प्रतिशत सामाजिक कल्याण अधिभार का भी प्रस्ताव किया. उन्होंने 250 करोड़ रुपये तक के कारोबार वाले सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों के लिये कंपनी कर 30 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत करने की भी घोषणा की.
40,000 रुपये की मानक कटौती
करीब दो घंटे (110 मिनट) के भाषण में जेटली ने हालांकि आयकर की दरों और स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया, लेकिन उन्होंने वेतनभोगी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिये परिवहन एवं चिकित्सा व्यय के बदले 40,000 रुपये की मानक कटौती देने की जरूर घोषणा की. वित्त मंत्री ने वरिष्ठ नागरिकों के लिये बैंक जमा पर ब्याज से आय की छूट सीमा 10,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया गया. साथ ही मियादी जमाओं पर स्रोत पर कर कटौती नहीं होगी.
आयातित पैनलों, हैंडसेट पर सीमा शुल्क बढ़ाने की घोषणा, टीवी, मोबाइल फोन महंगे होंगे
वित्त मंत्री अरुण जेटली के पेश बजट में सरकार ने स्थानीय विनिर्माण को प्रोत्साहन देने के लिए आयातित टीवी पैनलों पर आयात शुल्क 7.5 प्रतिशत से दोगुना कर 15 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया है. इससे एलसीडी-एलईडी टीवी सेट महंगे हो जाएंगे. इसके अलावा मोबाइल फोन पर भी सीमा शुल्क 15 से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया गया है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने बजट भाषण में कहा कि एलसीडी-एलईडी-ओएलईडी टीवी के कलपुर्जों पर सीमा शुल्क को बढ़ाकर 15 प्रतिशत किया जा रहा है. इसका मकसद स्थानीय विनिर्माण को प्रोत्साहन देना है.
जेटली ने कहा, ‘मैं मोबाइल फोन पर सीमा शुल्क को 15 से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने का प्रस्ताव करता हूं. इसके अलावा मोबाइल फोन के कुछ कलपुर्जों और एक्सेसरीज तथा टीवी के कुछ कलपुर्जों पर सीमा शुल्क बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने का प्रस्ताव करता हूं.’ उन्होंने कहा कि कुछ क्षेत्रों मसलन खाद्य प्रसंस्करण, इलेक्ट्रॉनिक्स, वाहन कलपुर्जे, फुटवियर तथा फर्नीचर जैसे क्षेत्रों में घरेलू स्तर पर मूल्यवर्धन की काफी गुंजाइश है. जेटली ने कहा कि इन उपायों से देश में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे.
पीएम मोदी ने दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि एवं लघु उद्यमों आदि के लिए किए गए प्रावधानों को दूरगामी लाभ वाले कदम बताते हुए इसका स्वागत किया. उन्होंने कहा कि यह ‘आम लोगों के जीवन को और सरल बनाने वाला बजट है.’ उन्होंने कहा कि ‘इससे हमारा भरोसा और बढ़ा है कि अर्थव्यवस्था और मजबूत होगी.’ उन्होंने वित्त मंत्री जेटली और उनकी टीम को इस अच्छे बजट के लिए बधाई दी.
(इनपुट एजेंसी से भी)