Chandkhurai Village Ground Report: बीजेपी के हिंदुत्व कार्ड का असर देश के बाकी राज्यों में एकतरफा दिखता है, लेकिन छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने यहां इस कार्ड का काट ढूंढ रखा है. अगर राम मंदिर बनाने का क्रेडिट बीजेपी के बड़े नेता लेते हैं तो छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार भी भगवान राम की माता कौशल्या जी के मंदिर का जीर्णोधार और राम गमन पथ बनवाने का क्रेडिट लेने से पीछे नहीं हटते. आखिर छत्तीसगढ़ में मंदिर की राजनीति क्या है और कहां है भगवान राम का ननिहाल. ZEE News की टीम उस गांव में पहुंची, जहां पैदा हुई थीं भगवान राम की मां कौशल्या. तो चलिए आपको बताते हैं यहां की ग्राउंड रिपोर्ट...


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क्या समय पर पूरी हो पाएगा कौशल्या माता का मंदिर?


छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से करीब 21 किलोमीटर की दूरी पर है चंदखुरी गांव. पौराणिक मान्यता के हिसाब से यही भगवान राम का ननिहाल है. अगर अयोध्या में भगवान राम के मंदिर के निर्माण का काम तेजी से चल रहा है तो यहां भी माता कौशल्या के मंदिर के पुनर्निर्माण का काम चल रहा है. ये अलग बात है कि अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा की तारीख तय हो गई है और राम मंदिर के बनने का काम 2024 के चुनाव से पहले पूरा हो जाएगा. लेकिन, छत्तीसगढ़ में कौशल्या माता के गांव में चल रहा काम छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के बाद भी अपने तय समय यानी 19 दिसंबर तक पूरा हो जाएगा, इसका भरोसा यहां के गांव के लोगों को नहीं है.


क्या राम मंदिर से पहले बन पाएगा कौशल्या माता का मंदिर?


चंदखूरी गांव में सड़क बनाने का काम चल रहा है. साथ ही कौशल्या माता मंदिर के प्रांगण में भी काम चल रहा है. मंदिर के पुजारी को इस बात का मलाल है कि कौशल्या माता के मंदिर का काम लेट होता जा रहा है. लेकिन, काम करवा रहे ठेकेदार ने भरोसा दिलाया कि 22 जनवरी से पहले यहां का काम भी पूरा हो जाएगा. गांव के लोग राम मंदिर के बनने की तारीख तय होने पर अपनी खुशी खुलकर जाहिर कर रहे हैं. क्या पुरुष और क्या महिलाएं, सबमें 22 जनवरी को अयोध्या जाने की तैयारी में हैं. कोई पैदल ही चले जाने की बात कर रहा, कोई रेल में जाने की बात कर रहा है तो एक महिला पूरे परिवार के साथ बस से जाने की बात कह रही है.


मंदिर घूमने आए गुजरात के लोग कहते हैं कि मंदिर जो भी बनवाए. सनातन संस्कृति को आगे बढ़ना चाहिए. ये भी अयोध्या जाने की तैयारी में हैं. भले ही कांग्रेस पार्टी ने छत्तीसगढ़ में बीजेपी के हिंदुत्व कार्ड की काट ढूंढ निकाली हो. लेकिन, हिंदुत्व के पीच पर बैटिंग करने में कांग्रेस पार्टी बीजेपी के सामने कमजोर नज़र आती है.