Chhattisgarh Assembly Election 2023: छत्तीसगढ़ में हो रहे विधानसभा चुनाव की सबसे चर्चित सीटों में से एक राजनांदगांव है. दरअसल ये इलाका पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता डॉ रमन सिंह का गढ़ बन चुका है. कांग्रेस ने यहां से रमन सिंह के मुकाबले गिरीश देवांगन को मैदान में उतारा है जो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भरोसेमंद हैं. बताया जा रहा है कि यहां देवांगन के पीछे मुख्यमंत्री बघेल खड़े हैं. राजनांदगांव वो विधानसभा सीट है जो बीजेपी का तीन चुनाव से अभेदकिला बन चुका है. ऐसा इसलिए क्योंकि पिछले तीन चुनाव रमन सिंह ने जीते और इस सीट ने मुख्यमंत्री दिया. बीजेपी का बड़ा चेहरा हैं रमन सिंह और कांग्रेस हर कीमत पर उसे ढहाना चाहती है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बीजेपी का किला ढहाने के लिए दांव पर लगाई प्रतिष्ठा


इसीलिए पार्टी ने किसान नेता और मुख्यमंत्री बघेल के भरोसेमंद गिरीश देवांगन को मैदान में उतारा है. राज्य के गठन के बाद हुए चार चुनाव में एक बार कांग्रेस जीती तो तीन बार बीजेपी को जीत हासिल हुई है. राज्य की राजनीति में भूपेश बघेल और रमन सिंह एक दूसरे के खिलाफ लगातार न केवल ताल ठोकते नजर आते हैं बल्कि हमला करने में भी पीछे नहीं रहते. चुनाव ऐसा मौका है जब सियासी शिकस्त देना हर राजनेता का लक्ष्य होता है.


रमन सिंह को घरने के लिए मुख्यमंत्री बघेल की खास रणनीति


लिहाजा बीजेपी के रमन सिंह को घरने के लिए मुख्यमंत्री बघेल ने खास रणनीति बनाई और नए चेहरे के तौर पर देवांगन को मैदान में उतारा. देवांगन किसान नेता हैं और कड़ी टक्कर दे सकते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि बीते तीन चुनाव में रमन सिंह का जीत का अंतर वर्ष 2018 में घटकर लगभग 17,000 वोट पर आ गया. यहां अन्य पिछड़ा वर्ग निर्णायक स्थिति में है और कांग्रेस को लगता है कि वह जातीय जनगणना को मुद्दा बनाकर अपनी स्थिति को मजबूत कर सकती है.


कांटे का मुकाबला


राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि चुनाव में कोई भी जीत सकता है, जीत चाहे किसी की भी हो, मगर राजनांदगांव का चुनाव रोचक जरूर रहेगा. इसके पीछे बड़ा कारण मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हैं जो कांग्रेस के उम्मीदवार गिरीश देवांगन के पीछे खड़े हैं. वास्तव में तो यह मुकाबला रमन सिंह और बघेल का है, चाहेकांग्रेस का चेहरा भले ही देवांगन नजर आ रहे हों.


(एजेंसी इनपुट के साथ)