Rajasthan Chunav: CM गहलोत ने ‘लाल डायरी’ व `सट्टेबाजी ऐप` को बताया BJP का षडयंत्र, कहा- साजिश का हुआ पर्दाफाश
Rajasthan Mein Chunav: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने छत्तीसगढ़ में महादेव ऐप मामले का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि बीजेपी वाले षड्यंत्रकारी लोग हैं. चार दिन पहले वहां के मुख्यमंत्री को गिरफ्तार करने की इनकी साजिश थी. उसका पर्दाफाश हो गया.
Rajasthan Election 2023: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ‘लाल डायरी’ और महादेव सट्टेबाजी ऐप मामले को बीजेपी का राजस्थान और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव जीतने के लिए रचा गया ‘षड्यंत्र’ करार दिया. उन्होंने इसकी जांच हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज से करवाने की मांग की. गहलोत ने दावा किया कि उनकी सरकार के खिलाफ कोई ‘सत्ता विरोधी’ लहर नहीं है. उन्होंने उम्मीद जताई कि राज्य में एक बार फिर कांग्रेस की सरकार बनेगी.
पीएम मोदी के टिप्पणी की आलोचना
सीएम गहलोत ने दिवंगत कांग्रेस नेता राजेश पायलट को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की टिप्पणी की भी आलोचना की और कहा कि भाजपा राज्य में गुर्जर समुदाय को ‘भड़काना’ चाहती है. कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में गहलोत ने कहा कि महादेव ऐप व लाल डायरी की उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश से जांच कराई जानी चाहिए. भाजपा ने चुनाव के दौरान ये जो षड्यंत्र किया, चुनाव जीतने के लिए, यह बहुत बड़ा षड्यंत्र है. इसकी जांच होनी चाहिए.
राजस्थान में सच्चाई आई सामने
छत्तीसगढ़ में महादेव ऐप मामले का जिक्र करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि ये षड्यंत्रकारी लोग हैं. चार दिन पहले वहां के मुख्यमंत्री को गिरफ्तार करने की इनकी साजिश थी. उसका पर्दाफाश हो गया. मुझे दुख होता है कि प्रधानमंत्री के स्तर पर षड्यंत्र करके आप उनके मुंह से लाल डायरी बुलवा रहे हो. आप महादेव ऐप बुलवा रहे हो. यहां लाल डायरी और वहां छत्तीसगढ़ में महादेव ऐप का पर्दाफाश हो गया. राजस्थान में भी सच्चाई सामने आ गई.
बीजेपी जनता को कर रही गुमराह
गहलोत ने पूछा कि कहां गई लाल डायरी? राजस्थान में ईडी, आयकर विभाग के 50 छापे पड़े. क्या कोई नेता, कोई अधिकारी पकड़े गए? उन छापों का क्या हुआ?’’ मुख्यमंत्री ने दावा किया कि भाजपा ने पूरी कोशिश कर ली, लेकिन राजस्थान में सरकार नहीं गिरा पाई. आज उन्हें इसी बात की टीस सता रही है. मुख्यमंत्री गहलोत ने भारतीय जनता पार्टी द्वारा अखबारों में राजस्थान की आपराधिक घटनाओं से जुड़ी समाचारों की कतरनों वाले पूरे पन्ने के विज्ञापन प्रकाशित कराए जाने की भी आलोचना की. उन्होंने कहा कि भाजपा लोगों को ‘गुमराह कर और षड्यंत्र रचकर चुनाव जीतना चाहती है.’
कन्हैया लाल के आरोपी थे बीजेपी कार्यकर्ता
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के लोकसभा क्षेत्र में काशी हिंदू विश्वविद्यालय में एक युवती के साथ छेड़छाड़ हुई, लेकिन उसकी कोई चर्चा नहीं है. दिल्ली में महिला पहलवान धरने पर बैठी रहीं और उन्होंने भाजपा सांसद पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया, लेकिन प्रधानमंत्री ने कोई परवाह नहीं की. भाजपा द्वारा उदयपुर के कन्हैया लाल हत्याकांड को चुनावी मुद्दा बनाए जाने पर गहलोत ने कहा कि जिन लोगों ने कन्हैया लाल की हत्या की, वे चार साल से भाजपा के कार्यकर्ता थे और आरोपी जब पहले किसी अन्य मामले में पकड़े गए थे तो वहां के उप महापौर समेत भाजपा नेताओं ने उन्हें थाने से छुड़वाया था.
बीजेपी शासन में गुर्जरों पर चली गोली
गहलोत ने दिवंगत कांग्रेस नेता राजेश पायलट पर टिप्पणी करने के लिए भी प्रधानमंत्री की आलोचना की और कहा कि पार्टी राज्य में गुर्जर समुदाय के लोगों को भड़काना चाहती .भाजपा शासन के दौरान आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलनकारियों पर कुल 22 बार पुलिस ने गोली चलाई. इन कार्रवाई में 72 गुर्जर मारे गए थे, जबकि हमारे शासनकाल में आंदोलन के बावजूद लाठीचार्ज नहीं किया गया और पांच प्रतिशत आरक्षण दिया गया. बता दें कि बुधवार को भीलवाड़ा जिले में एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि राजेश पायलट जी ने कभी इस कांग्रेस परिवार को चुनौती दी थी, लेकिन यह परिवार ऐसा है कि राजेश पायलट को तो सजा दी, उनके बेटे (सचिन पायलट) को भी सजा देने में लगे हुए हैं.
कांग्रेस के खिलाफ नहीं सत्ता विरोधी लहर
वहीं, अशोक गहलोत ने दावा किया कि राज्य में उनकी सरकार के खिलाफ कोई ‘सत्ता विरोधी’ लहर नहीं है. उन्होंने उम्मीद जताई कि राज्य में एक बार फिर कांग्रेस की सरकार बनेगी. जनता जानती है कि हमने अपनी दस गारंटी पूरी कर दी हैं. अगली सात गारंटी के लिए जनता का विश्वास हम पर हैं. कोई भी राजस्थान में आपको नहीं कहेगा कि सरकार के खिलाफ कोई ‘एंटी इनकंबेंसी’ है. यह हमारी बहुत बड़ी उपलब्धि है. राजस्थान देश का पहला राज्य है, जहां किसी भी तरह की सत्ता विरोधी लहर नहीं है. गहलोत ने कहा कि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में जो वादे किए हैं, उसको लेकर लेकर लोग उत्साहित हैं, जबकि भाजपा के घोषणा पत्र से उनको निराशा है.