Alcoholic Employee: शराब पीना वैसे भी स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं होता है लेकिन काम करते वक्त या दफ्तर में शराब पीना तो और भी खतरे वाला काम है. हाल ही में एक सोशल मीडिया स्पेस में यह पूछा गया कि अगर काम करते समय कोई कर्मचारी दफ्तर में शराब पी ले तो उसके साथ क्या होना चाहिए. इस मामले को लेकर एक केस स्टडी भी सामने रखी गई जिसमें बताया गया कि कैसे एक कंपनी ने अपने शराबी कर्मचारी को नौकरी से निकाल दिया. लेकिन यह दांव कंपनी को उल्टा पड़ गया और उसे मोटा हर्जाना देना पड़ गया था.


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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह केस स्टडी कुछ पुरानी है जो हाल ही में फिर से चर्चा में आई है. घटना आयरलैंड के एक शहर में हुई थी. यह एक सुपरमार्केट के इंचार्ज से जुड़ी हुई घटना है. बताया जा रहा है कि काम के दौरान ही इस शख्स ने इतनी शराब पी ली थी कि वह बेसुध हो गया और फिर साथी कर्मचारी ने उसे घर तक छोड़ा. 


इस हरकत की वजह से शख्स को कंपनी ने नौकरी से निकाल दिया. शख्स का नाम मर्फी बताया गया. कंपनी ने मर्फी की हरकत को 'हद से ज्यादा' ब्रीच ऑफ ट्रस्ट बताया. लेकिन यह शख्स बाद में अपने वकील की मदद से कोर्ट पहुंच गया और वहां जबरदस्त तर्क देने में कामयाब हो गया. ट्रिब्यूनल कोर्ट में जज ने माना कि शराब की लत को एक डिसेबिलिटी की तरह ट्रीट किया गया है. 


इसके अलावा अचानक कंपनी से निकाले जाने की वजह से वह शख्स बेरोजगार हो गया. कानूनन शख्स को 104 हफ्ते का नुकसान हुआ है. इस दौरान उन्हें करीब 85 लाख रुपए का नुकसान हुआ. मामले में जज ने शख्स पक्ष में फैसला सुनाया और कंपनी को करीब 32 लाख रुपए देने पड़े.  इस मामले में कोर्ट ने जब फैसला सुनाया तो कंपनी के अधिकारी हक्के बक्के रह गए. इस मामले को लेकर बाद में काफी चर्चा भी हुई कि यहां कौन गलत और कौन सही है.