Monkeypox Dos and Don't: देश में मंकीपॉक्स के मामले बढ़ते जा रहे हैं. अब तक 4 केस सामने आ चुके हैं, जिसमें तीन केरल के और एक दिल्ली का है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में जो मंकीपॉक्स का मरीज मिला उसे LNJP हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, डॉक्टर ने बताया कि 34 वर्षीय शख्स को फीवर नहीं है. हालांकि उसकी स्किन को नुकसान पहुंचा है. अस्पताल के डॉक्टर ने कहा कि मंकीपॉक्स का कोई इलाज नहीं है. स्किन पर लगाने के लिए हम उन्हें लोशन, मल्टी विटामिन दे रहे हैं.  


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WHO  के अनुसार, मंकीपॉक्स एक दुर्लभ बीमारी है, जो मंकीपॉक्स वायरस के संक्रमण से होती है. मंकीपॉक्स वायरस Poxviridae परिवार में ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस से संबंधित है. ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस में वेरियोला वायरस (जो चेचक का कारण बनता है), वैक्सीनिया वायरस (चेचक के टीके में प्रयुक्त), और काउपॉक्स वायरस भी शामिल है.


सेंटर फॉर डिजीज एंड कंट्रोल प्रिवेंशन (CDC) के अनुसार, मनुष्यों में मंकीपॉक्स के लक्षण चेचक के लक्षणों के समान, लेकिन हल्के होते हैं और संक्रमण के 7-14 दिनों बाद बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और थकावट के साथ शुरू होते हैं. इसके आम लक्षणों में बुखार, ठंड लगना, सिरदर्द, मांसपेशियों के दर्द, थकान और सूजी हुई लसीका ग्रंथियां शामिल हैं.


मंकीपॉक्स से कैसे बचें?


- जिस व्यक्ति पर मंकीपॉक्स जैसा रैशेज दिख रहा हो, उससे नजदीकी या स्किन टू स्किन कॉन्टैक्ट ना बनाएं.
- जिस व्यक्ति में मंकीपॉक्स के लक्षण दिख रहे हों, उसकी चादर, तौलिया या कपड़ों जैसी पर्सनल चीजें ना छुएं.
- अपने हाथों को साबुन और पानी से धोएं या एल्कोहॉल बेस्ड हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें.
- अगर आप के अंदर मंकीपॉक्स के लक्षण दिख रहे हैं, तो घर पर रहें.
- अपने पालतू जानवरों से भी दूरी बनाकर रखें.


क्या ना करें


- मंकीपॉक्स के मरीज से अपने टॉवेल से शेयर ना करें
-मंकीपॉक्स के मरीज के संपर्क में आने से बचें. 1 मीटर की दूरी बनाकर रखें. 
- आवारा कुत्तों, जानवरों के पास जाने से बचें. 


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