Cancer Disease: ज्यादा चौंकने वाले लोग रहते हैं कैंसर से दूर, US वैज्ञानिकों ने शोध में किया खुलासा
Sense of Surprise: एक शोध में यह भी पाया गया कि जीवन में ज्यादा आश्चर्य अनुभव करने वाले लोग ज्यादा विनम्र होते हैं. एक शोध यह भी है कि एक आम इंसान सप्ताह में दो बार जबरदस्त आश्चर्य को महसूस करता है.
Surprised People and Cancer Disease Study: कैंसर इस समय दुनिया की सबसे खतरनाक बीमारियों में से एक है. हालांकि मेडिकल साइंस और रिसर्च की दुनिया इस पर लंबे समय से काफी मेहनत कर रही है और अपने प्रयोगों के आधार पर इससे निपटने के उपाय सामने आ रहे हैं. इसी बीच अमेरिका के कुछ वैज्ञानिकों ने एक शोध के माध्यम से बताया है कि ऐसे लोगों को कैंसर का खतरा काफी कम होता है तो चौंक जाते हैं या जिन्हें काफी चीजें आश्चर्यचकित करने वाली लगती हैं.
आश्चर्य का अनुभव कैंसर के लक्षण को धीमा करता है
दरअसल, अमेरिका के कुछ वैज्ञानिकों ने इस रिसर्च को पूरा किया है और उन्होंने तथ्यों के हवाले से इसे आधिकारिक रूप से पेश भी किया है. कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में ग्रेटर गुड साइंस सेंटर में हुए इस शोध में बताया गया कि आश्चर्य का अनुभव कैसे कैंसर के लक्षण को धीमा करता है. इस शोध के प्रमुख वैज्ञानिक रहे डैकर केल्टनर ने बताया कि 26 देशों के तीन लाख लोगों पर यह सर्वे किया गया. इसके आधार पर कई सारी चीजें एक साथ निकलकर आई हैं.
'हार्ट की बीमारियां और डायबिटीज के लक्षणों को भी'
रिपोर्ट्स के मुताबिक इसमें बताया गया कि लगातार आश्चर्य चकित रहने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है. करुणा और उदारता बढ़ती है और दिमाग तेज होता है. आश्चर्य का अनुभव कैंसर के साथ साथ हार्ट की बीमारियां और डायबिटीज के लक्षणों को धीमा करता है. वहीं, तनाव और चिंता को भी घटाता है. आश्चर्य का अनुभव करना लोगों को अपने बारे में ज्यादा जानने में मदद करता है.
इंसान सप्ताह में दो बार आश्चर्य महसूस करता है
वहीं एक मीडिया रिपोर्ट में एक पुराने शोध का भी जिक्र है. करीब तीन साल पहले की जॉन टेम्पलटन फाउंडेशन की रिसर्च में भी यही बात सामने आई थी कि ज्यादा आश्चर्य अनुभव करने वाले लोग ज्यादा विनम्र होते हैं. शोध के अनुसार एक आम इंसान सप्ताह में दो बार आश्चर्य को महसूस करता है. लोग अपनी तुलना में दूसरों की कामयाबी से चकित होते हैं.
बता दें कि पिछले दिनों कैंसर से ही जुड़ी एक और रिसर्च सामने आई थी. ब्रिघम एंड विमेंस हॉस्पिटल और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि 50 साल से कम उम्र के लोगों में कैंसर का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है. रिपोर्ट में बताया गया है कि 1990 के बाद पैदा हुए लोगों में 1970 में पैदा हुए लोगों के मुकाबले कैंसर का खतरा ज्यादा रहता है. यानी कि नए लोगों में कैंसर होने का जोखिम बढ़ रहा है.
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