Interesting Facts: लंबे समय तक पानी में रहने पर क्यों सिकुड़ जाती है हाथ-पैर की स्किन? बेहद रोचक है वजह
Interesting Facts: राजधानी दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत में मानसून आने के बाद भी उमस भरी गर्मी पड़ रही है. ऐसे में गर्मी से बचने के लिए लोग ठंडे पानी से कई-कई घंटे नहाते हैं. शायद आप भी ऐसा करते होंगे. एक बात तो आपको पता ही होगी कि जब हम काफी देर तक पानी में रहते हैं, या काम करते हैं तो हमारे हाथ-पैरों की स्किन सिकुड़ जाती है. लेकिन कभी सोचा है कि आखिर ऐसा क्यों होता है? आइए बताते हैं.
हमारे शरीर के हर पार्ट की कुछ न कुछ खासियत होती है. जहां हमारे चेहरे की स्किन काफी पतली होती है, वहीं हाथ और पैर की स्किन इसके मुकाबले मोटी होती है. इसके बावजूद भी पानी में डूबे रहने पर हाथ-पैरों की स्किन सिकुड़ जाती है. लेकिन जब हाथ-पैर पानी से बाहर आते हैं, तो थोड़ी देर बाद ये नॉर्मल हो जाते हैं.
आपको बता दें ये हाथ-पैरों के साथ ऐसा होना बिल्कुल प्राकृतिक है. इसका शरीर पर कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ता. news-medical.net की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हमारी स्किन के सबसे ऊपरी परत में सीबम नाम का ऑयल होता है, जो शरीर के लिए रेनकोट की तरह काम करता है. जब हम नॉर्मल पानी से हाथ धोते हैं तो इसी तेल की वजह से वो आराम से फिसल जाता है.
जब हम ज्यादा देर तक पानी में रहते हैं, तो ये सीबम ऑयल धुल जाता है. इस वजह से पानी बॉडी के भीतर जाने लगता है. यही वजह है पानी में रहने के बाद हाथ-पैरों की स्किन सिकुड़ने की. हालांकि जब हम हाथ-पैरों को पानी से बाहर निकालते हैं, तो स्किन के भीतर घुसा पानी सूख जाता है और हाथ-पैरों की स्किन नॉर्मल हो जाती है.
हाथ और पैर की स्किन सिकुड़ने के पीछे एक और कारण है. दरअसल, हमारी स्किन केराटिन से बनी होती है और हाथ-पैर की स्किन पर ये केराटिन बहुत प्रभावशाली होता है. जब काफी देर पानी में रहते हैं, तो हाथ-पैर की स्किन पानी सोखने लगती है और सिकुड़ जाती है. इस प्रोसेस को प्रक्रिया को एक्वाटिक रिंकल्स (Aquatic Wrinkles) कहते हैं.