संयुक्त राष्ट्र: अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर यहां संयुक्त राष्ट्र सचिवालय भवन के सामने 135 राष्ट्रों के लोग आज एकत्र हुए। संरा महासचिव बान की मून ने कहा कि योग का संदेश सौहार्द बढ़ाना है और उन्होंने लोगों से जाति और पंथ से उपर उठते हुए एकजुट होने की अपील की।


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इस मौके पर महासभा के अध्यक्ष मोगेंस लायकेटोफ्ट ने सतत विकास लक्ष्य हासिल करने के लिए योग के महत्व का जिक्र किया। घंटे भर चले कार्यक्रम में प्रख्यात आध्यात्मिक नेता सदगुरू ने एक योग सत्र का नेतृत्व किया। इस कार्यक्रम का आयोजन संरा में भारत के स्थायी दूतावास ने किया था और इसमें संरा के शीर्ष अधिकारी, दूत, राजनयिक तथा योग करने वाले लोग शरीक हुए। ईसा फाउंडेशन के संस्थापक सदगुरू जग्गी वासुदेव ने कहा कि योग दुनिया को भारत का उपहार है।


उन्होंने कहा, ‘हमें यह समझना चाहिए कि योग कोई भारतीय (चीज) नहीं है। अगर आप योग को भारतीय कहना चाहते हैं तो फिर गुरूत्वाकषर्ण को यूरोपीय कहिए।’ सदगुरू ने कहा, ‘हां योग की उत्पत्ति भारत से हुई और भारतीय के तौर पर हमें इस पर गर्व है, परंतु यह भारत का नहीं है।’ संरा में भारत के दूत सैयद अकबरूद्दीन ने कहा कि रिकॉर्ड 135 देशों के लोग दूसरे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को मनाने के लिए यहां एकत्र हुए। बान ने उल्लेख किया कि योग का संदेश ‘सद्भावना को बढ़ावा देना’ है। उन्होंने सभी देशों के नागरिकों से कहा कि वे नस्ल, आस्था, लिंग और यौन रूझान से ऊपर उठकर एकता का संकल्प लें।


बान ने दूसरे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर अपने संदेश में कहा, ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर मैं हर किसी से आग्रह करता हूं कि सेहतमंद जीवनशैली अपनाएं तथा नस्ल, आस्था, उम्र, लिंग और लैगिंक पहचान अथवा यौन रूझान से उपर उठकर सभी इंसानों के साथ एकता का संकल्प लें। इस दिन और हर दिन को समान मानव परिवार के सदस्य के तौर पर मनाएं।’ उन्होंने नागरिकता और यौन रूझान से इतर इंसानों के बीच समानता का आह्वान किया जिसका पिछले सप्ताह अमेरिका ओरलैंडो के एक गे क्लब में हुई गोलीबारी की घटना के मद्देनजर खासा महत्व है। अफगान मूल के युवक उमर मतीन ने ओरलैंडे के क्लब में गोलीबारी की थी जिसमें 49 लोग मारे गए थे और 50 से अधिक घायल हो गए थे।


संयुक्त राष्ट्र महासचिव का योग दिवस पर संदेश यहां योग दिवस की पूर्व संध्या पर भारत के स्थायी दूतावास में आयोजित एक विशेष परिचर्चा के दौरान पढ़ा गया। वरिष्ठ राजनयिक और म्यामांर मामले पर बान के विशेष सलाहकार विजय नाम्बियार ने यह संदेश पढ़ा। बान ने कहा कि योग की प्राचीन शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक क्रिया भारत से पैदा हुई और अब इसे पूरी दुनिया में किया जा रहा है।


बान ने कहा, ‘योग शरीर और आत्मा, शारीरिक स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य को संतुलित करता है। यह लोगों के बीच सद्भाव बढ़ाता है।’ उन्होंने कहा कि दूसरा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाना सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने में स्वस्थ जीवन की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है। संरा महासचिव ने कहा, ‘योग करने से हमें इस ग्रह के संस्थानों के उपभोक्ता के तौर पर अपनी भूमिका के बारे में जागरूकता बढ़ाने और अपने पड़ोसियों का सम्मान करने एवं उनके साथ शांति के साथ रहने में मदद मिलती है।’