इस्लामाबाद: पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अमेरिका द्वारा 30 करोड़ डॉलर की सैन्य सहायता रोके जाने पर कहा है कि यह धनराशि पाकिस्तान की है जो उसने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में खर्च की थी और यह राशि उसे वापस मिलनी चाहिए. पेंटागन ने शनिवार को घोषणा की थी कि वह आतंकवादी समूहों से निपटने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाने के चलते पाकिस्तान को दी जाने वाली 30 करोड़ डॉलर की सैन्य सहायता को रोकेगा. कुरैशी ने कहा कि इस मामले को पांच सितम्बर को अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ की देश की यात्रा के दौरान उठाया जायेगा.


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अमेरिका के निर्णय की घोषणा के बाद रविवार को जल्दबाजी में बुलाये गये संवाददाता सम्मेलन के दौरान कुरैशी ने कहा,‘‘30 करोड़ डॉलर न तो सहायता है और न ही सहयोग . पाकिस्तान ने यह राशि अपने संसाधनों से आतंकवादियों और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में खर्च की है.



लेकिन अब वे इसे वापस देने के इच्छुक नहीं है.’’ उन्होंने कहा,‘‘यह हमारा पैसा है जो हमने खर्च किया है और वे (अमेरिका) केवल इसकी प्रतिपूर्ति कर रहे थे.’’ इससे पूर्व उन्होंने बीबीसी उर्दू से कहा कि सैद्धांतिक रूप से अमेरिका को पाकिस्तान को यह धनराशि वापस करनी चाहिए क्योंकि शांति और स्थिरता का माहौल बनाने और आतंकवाद को पराजित करने के उद्देश्य से इसे खर्च किया गया है. उन्होंने कहा,‘‘हम बैठेंगे और उनके (पोम्पिओ) के साथ इस पर चर्चा करेंगे . हम दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने का प्रयास करेंगे.


हम उन्हें सुनेंगे और उनके समक्ष अपने रूख को रखेंगे.’’ धनराशि रोके जाने पर पाकिस्तान के विकल्पों के बारे में पूछे गये एक सवाल के जवाब में कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान अमेरिका से बात करेगा क्योंकि पाकिस्तान पहले ही यह धनराशि खर्च कर चुका है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान पोम्पिओ की आगामी यात्रा का स्वागत करता है क्योंकि इससे एक दूसरे के नजरिये को समझने में मदद मिलेगी.


उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और अमेरिका के बीच विश्वास में कमी आई है लेकिन सरकार संबंधों को सुधारना और दोनों देशों के बीच विश्वास बहाली चाहती है. कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ सरकार मौजूदा तनाव या अमेरिका द्वारा धनराशि रोके जाने के लिए जिम्मेदार नहीं है . उन्होंने वर्तमान तनाव के लिए देश के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि इमरान खान की नयी सरकार पाकिस्तान के हितों को ध्यान में रखकर सभी फैसले लेगी. 


इनपुट भाषा से भी