Anti Hijab Protest:  ईरान में हिजाब के खिलाफ महिलाओं का आंदोलन दुनियाभर में चर्चा का विषय बना हुआ है. सरकार की तमाम कोशिशों, दमन के बाद भी यह जारी है. ईरान के सुरक्षा बलों की कार्रवाई में कई लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें प्रदर्शन में भाग लेने वाली 20 साल की हदीस नजफी भी शामिल है जो कि ईरान के सुरक्षाबलों की गोली का शिकार बनी. बता दें नजफी एक वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो गया था. इस वायरल वीडियो में वह विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए अपने बालों को बांधती नजर आई थी.


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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक  हदीस नजफी को कई गोलियां मारी गईं. मसीह अलीनेजाद ने 25 सितंबर को ट्वीट किया, 'महसा अमिनी की हत्या के विरोध में शामिल होने की तैयारी कर रही 20 साल की इस बच्ची को 6 गोलियों से भून दिया गया. #HadisNjafi,20 को इस्लामिक रिपब्लिक के सुरक्षा बलों ने सीने, चेहरे और गर्दन में गोली मार दी. हमारी आवाज बनो.'  उन्होंने हदीस नजफी का एक वीडियो भी शेयर किया. एक अन्य ट्वीट में उन्होंने नजफी के अंतिम संस्कार का वीडियो शेयर किया. 



बता दें  ईरान में 22 वर्षीय एक कुर्द युवती महसा अमीनी की हिरासत में हुई मौत को लेकर सरकार के खिलाफ व्यापक स्तर पर हो रहा प्रदर्शन करीब 80 शहरों में फैल गया है. उक्त महिला को पुलिस ने हिजाब से जुड़े सख्त कानून का कथित तौर पर उल्लंघन करने को लेकर गिरफ्तार किया था.


पिछले कुछ दिनों में, कुछ प्रदर्शनकारी महिलाओं ने सड़कों पर अपने हिजाब जला दिये, जिसे एक अवज्ञा की एक अभूतपूर्व गतिविधि के तौर पर देखा जा रहा है. वहीं, प्रदर्शनकारी पुरुषों ने धार्मिक नगरी कोम और इस्फहान सहित कई शहरों में सर्वोच्च नेता के पोस्टर जलाए.


अमीनी की 16 सितंबर को हुई थी मौत
उत्तर-पश्चिमी शहर साकेज की रहने वाली महसा अमीनी की तीन दिनों तक कोमा में रहने के बाद 16 सितंबर को मौत हो गई थी. वह तेहरान में अपने भाई के साथ थी, जब उसे सैन्य पुलिस ने गिरफ्तार किया था. वह एक हिरासत केंद्र में गिरने के कुछ ही देर बाद कोमा में चली गई थी. मानवाधिकारों के लिए संयुक्त राष्ट्र के कार्यवाहक आयुक्त नदा अल नशीफ ने कहा कि खबरों में दावा किया गया था कि पुलिस ने अमीनी के सिर पर एक डंडे से वार किया और उसका सिर एक वाहन से टकरा दिया. हालांकि, पुलिस ने आरोपों से इनकार किया और कहा कि उसे दिल का दौरा पड़ा था.


क्या कहता है ईरानी कानून?
ईरानी कानून यह प्रावधान करता है कि सभी महिलाएं सार्वजनिक स्थानों पर सिर को कपड़ों से ढंक कर रखेंगी और ढीले परिधान पहनेंगी. 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद से यह नियम लागू है. यह देश में हर महिला पर लागू होता है.



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