नई दिल्ली: आज अमेरिका पर हुए सबसे बड़े हमले 9/11 की बरसी है. आज ही के दिन 11 सितंबर को 2001 में अमेरिका के इतिहास में सबसे बड़ा आतंकी हमला हुआ था. अलकायदा (AQ) के आतंकवादियों ने अमेरिका के ट्विन टॉवर पर हमले कर उसे ध्वस्त कर दिया था. 20 साल पहले न्‍यूयॉर्क में हुए उस हमले का असर पूरी दुनिया में देखा गया. इस 9/11 ने आतंकवाद (Terrorism) की परिभाषा बदल दी. इस हमले से भले ही कुछ देशों की किस्‍मत ने अलग मोड़ ले लिया हो लेकिन इस हमले के पीड़ितों के जख्म आज दो दशक बीतने के बावजूद हरे हैं.


मानवता पर हमला


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

11 सितंबर 2001 की सुबह के 8 से 9 बजे के बीच जब लोग अपने घर से काम-काज के सिलसिले में या फिर अपने दफ्तर निकल रहे थे. तभी दुनिया की सबसे ऊंची इमारतों में से एक अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेंड सेंटर (WTC) में सुबह करीब करीब पौने 9 बजे कुछ ऐसा हुआ कि देखते-देखते लाशों का ढेर लग गया. इस हमले के बाद दुनियाभर के नेताओं ने इसे मानवता पर हुआ हमला करार दिया था. उस दौर में लाइव टीवी कवरेज का दौर हिंदुस्तान में नहीं था. इस हमले से जुड़ी लेटेस्ट जानकारी रेडिया समाचार से मिलती थी. वहीं इस हमले के बाद कई दिनों तक अखबारों में छपी तस्वीरों को देखकर लोग सहम जाते थे.



(फोटो क्रेडिट: Reuters)


3 हजार से ज्यादा लोगों की मौत


इस हमले के लिए आतंकवादी संगठन अल कायदा के 19 आतंकियों ने चार प्लेन हाइजैक किए थे. इसमें कुछ वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के टॉवर्स से टकराये. वहीं एक और प्लेन से अमेरिकी रक्षा मुख्यालय यानी पेंटागन को निशाना बनाया गया था. हमले में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पूरी तरह से बर्बाद हो गया. इस हमले में तीन हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी. वहीं हजारों लोग घायल और जख्मी हो गए थे. 


पीएम मोदी ने जताई चिंता


देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने भी इस हमले के जरिये हुई त्रासदी को याद किया. पीएम मोदी ने अपने एक संबोधन में कहा- 'आज 11 सितंबर है. दुनिया के इतिहास की एक वो तारीख जिसे मानवता पर हमले के लिए जाना जाता है, लेकिन इसी तारीख ने पूरे विश्व को काफी कुछ सिखाया भी है. एक सदी पहले ये 11 सितंबर 1893 का ही दिन था जब शिकागो में विश्व धर्म संसद का आयोजन हुआ था. आज के ही दिन स्वामी विवेकानंद ने उस वैश्विक मंच पर खड़े होकर दुनिया को भारत के मानवीय मूल्यों से परिचित कराया था. वहीं आज दुनिया ये महसूस कर रही है कि 9/11 जैसी त्रासदियों का स्थायी समाधान, मानवता के इन्हीं मूल्यों से ही होगा.'


गौरतलब है कि इस हमले के दौरान साल 2001 में अमेरिका के राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश थे.