India-Maldives Diplomatic Tensions: नई दिल्ली के साथ कूटनीतिक विवाद माले को खासा भारी पड़ा है. मालदीव आने वाले विदेशी पर्यटकों में पहले सबसे ज्यादा संख्या भारतीयों की होती थी. लेकिन पिछले कुछ सप्ताह में जब से दोनों देशों के बीच रिश्तों में तनाव आया है यह संख्या कम होकर पांचवें स्थान पर आ गई है.


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यह खुलासा मालदीव के पर्यटन मंत्रालय द्वारा जारी आधिकारिक आंकड़ों में हुआ है. ये आंकड़े बताते हैं कि पिछले तीन साल में हर साल दो लाख से अधिक भारतीय मालदीव आए. यह कोविड-19 महामारी के बाद किसी देश के पर्यटकों की सबसे अधिक संख्या है.


हालांकि, भारतीयों के लिए पसंदीदा डेस्टिनेशन रहे इस देश को अब आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. गौरतलब है कि मालदीव के तीन कैबिनेट मंत्रियों ने इस महीने की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लक्षद्वीप की यात्रा के बाद उनके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां की थीं.


इतनी कम रह गई संख्या
आंकड़ों के अनुसार मालदीव में इस साल 28 जनवरी तक 1.74 लाख से अधिक पर्यटक आए हैं जिनमें से केवल 13,989 भारतीय रहे.


इस सूची में रूस अव्वल रहा जिसके 18,561 पर्यटकों ने मालदीव की यात्रा की. इसके बाद इटली के 18,111, चीन के 16,529 और ब्रिटेन के 14,588 पर्यटकों ने मालदीव का भ्रमण किया.


कैसे शुरू हुआ दोनों देशों के बीच राजनयिक विवाद
राजनयिक विवाद तब शुरू हुआ जब मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू  ने अपने शपथ ग्रहण के 24 घंटे के भीतर भारत से द्वीपीय राष्ट्र से अपने सैनिकों को वापस बुलाने की मांग की.


इसके बाद परंपरागत रूप से राष्ट्रपति के अपने पहले विदेश दौरे पर भारत आने के बजाय मुइज्जू के चीन का दौरा करने से भी रिश्तों में खटास आई. फिर मालदीव के तीन मंत्रियों द्वारा सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ पोस्ट करने से मामला और बिगड़ गया.