काबुल: अफगानिस्‍तान (Afghanistan) की इंच-इंच जमीन पर बढ़ता तालिबान (Taliban) का कब्‍जा अफगानी महिलाओं (Afghani Women) को उस दौर की याद दिला रहा है, जिसमें उन्‍होंने नरक जैसी यातनाएं भुगती थीं. 1996 से 2001 के बीच देश में तालिबान का शासन था और यह समय यहां की महिलाओं के लिए बेहद बदतर और ढेरों प्रतिबंधों (Restrictions) वाला था. 


अपने ही घरों में कैदी की तरह थीं महिलाएं 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

तालिबानी दौर में महिलाएं अपने ही घरों में कैदी की तरह रहीं. ना तो उन्‍हें घर से निकलने की इजाजत थी और ना ही पढ़ने की, बाहर जाकर काम करने की. यदि मजबूरी में बाहर निकलना पड़े तो इसके लिए उन्‍हें किसी पुरुष रिश्‍तेदार (Male Relative) का साथ लेना जरूरी होता था. हालांकि अभी तालिबान द्वारा कई प्रांतों पर कब्‍जा जमाने के बाद ऐसे प्रतिबंध लागू किए गए हैं या नहीं, इसकी पुख्‍ता जानकारी नहीं मिली है. लेकिन हाल ही में तालिबानियों ने एक युवती की सिर्फ इसलिए हत्‍या कर दी थी क्‍योंकि वह टाइट ड्रेस पहने थी. 


यह भी पढ़ें: Afghanistan: Taliban के आतंकियों ने Kabul में ली एंट्री, भारी गोलीबारी के बीच चल रहा मौत का खेल


खुली सैंडल पहनने पर पीटा 


एसोसिएटेड प्रेस की एक रिपोर्ट में उन परिवारों के हालात बयान किए हैं, जो अपने घर छोड़कर काबुल (Kabul) में सड़क के किनारे या पार्कों में शरण लेने पर मजबूर हैं. इन्‍हीं में से एक परिवार उत्तरी अफगानिस्तान के तखर प्रांत का है, जहां एक रिक्शे में बैठकर घर जा रही लड़कियों को इसलिए रोक कर पीटा गया क्‍योंकि उन्‍होंने खुली हुई सैंडिल पहनी हुईं थीं. यह वह इलाका है जिस पर तालिबान कब्जा कर चुका है.


याद आए वो काले दिन 


हाल के दिनों में महिलाओं-लड़कियों के साथ हुए इन अत्‍याचार की घटनाओं ने लोगों को उस पुराने तालिबानी दौर (Taliban rule) की याद दिला दी है, जो 2001 से पहले था. काबुल की एक महिला अधिकार कार्यकर्ता जर्मिना कक्कड़ एक साल की थीं, जब तालिबान ने पहली बार 1996 में काबुल में प्रवेश किया था. उसकी मां उसे आइसक्रीम खरीदने के लिए बाहर ले गई थीं और तभी उसने कुछ देर के लिए अपने चेहरे से पर्दा हटा दिया था, जिसके कारण एक तालिबानी लड़ाके ने उसे जमकर पीटा था. वह कहती हैं, 'आज फिर मुझे ऐसा लगता है कि यदि तालिबान सत्ता में आया तो हम फिर से उन्हीं काले दिनों में लौट आएंगे.'


उस समय में तालिबान द्वारा सार्वजनिक तौर पर फांसी देने, चोरों के हाथ काट  देने और व्याभिचार के आरोप में महिलाओं की पत्‍थर मार-मार कर हत्‍या करने के मामले सामने आते रहते थे. अब इन महिलाओं को डर है कि कहीं से फिर से उन्‍हें 
उसी दौर में न ढंकेल दिया जाए.