Taliban के लिए काल हैं ये 4 चेहरे! Afghanistan को कब्जे से छुड़ाने का नया मिशन शुरू
अफगानिस्तान (Afghanistan) के कार्यवाहक राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह (Amrullah Saleh) ने तालिबान के खिलाफ नॉर्दर्न अलायंस की रेजिस्टेंस फोर्स को लेकर तालिबान (Taliban) के खिलाफ जंग छेड़ दी है और उनके अलावा तीन और चेहरों से तालिबान को चुनौती मिलने वाली है.
काबुल: अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद अगर तालिबान (Taliban) को ये लग रहा है कि अब पूरे अफगानिस्तान पर वो अपनी हुकूमत चलाएगा तो ऐसा नहीं है. तालिबान ने भले ही अफगानिस्तान के हर बड़े शहरों पर नियंत्रण कर लिया है, लेकिन अभी भी तालिबान का एक ऐसा इलाका है, जहां तालिबान न तो अभी घुस पाया है और ना आज से 20 साल पहले घुस पाया था. वो इलाका पंजशीर घाटी (Panjshir Valley) है. अफगानिस्तान के कार्यवाहक राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह (Amrullah Saleh) पंजशीर घाटी से ही आते हैं और उन्होंने तालिबान के खिलाफ नॉर्दर्न अलायंस की रेजिस्टेंस फोर्स को लेकर तालिबान के खिलाफ जंग छेड़ दी है.
ये 4 चेहरे हैं तालिबान के लिए बड़ा चैलेंज
तालिबान को अमरुल्ला सालेह (Amrullah Saleh) के अलावा तीन और चेहरों से चुनौती मिलने वाली है. इनमें दूसरा नाम है अहमद मसूद, जो नॉर्दन अलायंस के नेता हैं और पूर्व कमांडर अहमद शाह मसूद के बेटे हैं. अगला नाम है मजार ए शरीफ का बूढ़ा शेर मार्शल अब्दुल रशीद दोस्तम और तालिबान के खिलाफ चौथा चेहरा बन सकते हैं अता मोहम्मद नूर. ये चार चेहरे तालिबान के लिए चैलेंज हैं.