Surya Dev Puja Niyam: सनातन धर्म में सप्ताह के सातों दिन किसी न किसी देवी-देवता की आराधना के लिए समर्पित हैं. रविवार के दिन सूर्य देव की पूजा की जाती है लेकिन उसके कुछ नियम हैं, जिन्हें आपको जान लेना चाहिए.
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Surya Dev Ki Puja Kaise Karein: रविवार के दिन भगवान सूर्य की पूजा होती है. ऐसा कहा जाता है कि जो भक्त रविवार का व्रत करते हैं और सूर्य देव को जल चढ़ाते हैं उन्हें अपार यश और वैभव की प्राप्ति होती है. साथ ही सूर्य जैसा तेज प्राप्त होता है. ऐसे में इस दिन भगवान सूर्य की पूजा (Surya Dev Pujan) जरूर करें और उनकी भव्य आरती करें.
सूर्य देव को सभी ग्रहों का राजा माना जाता है. वे पूरे ब्रह्मांड को अपने तेज से रोज ऊर्जा प्रदान करते हैं. रविवार का दिन सूर्य की आराधना के लिए समर्पित माना जाता है. इस दिन जातक व्रत रखते हैं और उगते-डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर उनकी वंदना करते हैं. कहते हैं कि जो भी जातक विधि-विधान से सूर्य देव का स्मरण करते हैं, उन्हें जीवन में किसी भी चीज की कमी नहीं रहती है और वह हमेशा अच्छी सेहत के साथ सुख-समृद्धि का उपभोग करता है.
रविवार को न करें ये काम
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक रविवार को भूलकर भी 4 काम कभी नहीं करना चाहिए. इस दिन तामसिक चीजों का भूलकर भी सेवन नहीं करना चाहिए. यह दिन सूर्य देव की आराधना का है, जो उजली ऊर्जा के प्रतीक हैं. लिहाजा इस दिन काले वस्त्र न पहनें. इस दिन अपने पिता से मीठे वचनों में बात करें और किसी भी तरह से उन्हें प्रसन्न रखें. इसकी वजह ये है कि सूर्य पिता का कारक ग्रह माने जाते हैं. ऐसे में अगर आपने उनका अपमान किया तो सूर्य देव भी आपको माफ नहीं करेंगे. इस दिन व्रत रखें तो ध्यान रखें कि गलती से भी नमक का सेवन न कर लें.
सूर्य देव की आरती कैसे करें
ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान.
जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा.
धरत सब ही तव ध्यान, ॐ जय सूर्य भगवान..
..ॐ जय सूर्य भगवान.....
सारथी अरुण हैं प्रभु तुम, श्वेत कमलधारी. तुम चार भुजाधारी..
अश्व हैं सात तुम्हारे, कोटि किरण पसारे. तुम हो देव महान..
..ॐ जय सूर्य भगवान.....
ऊषाकाल में जब तुम, उदयाचल आते. सब तब दर्शन पाते..
फैलाते उजियारा, जागता तब जग सारा. करे सब तब गुणगान..
..ॐ जय सूर्य भगवान.....
संध्या में भुवनेश्वर अस्ताचल जाते. गोधन तब घर आते..
गोधूलि बेला में, हर घर हर आंगन में. हो तव महिमा गान..
..ॐ जय सूर्य भगवान.....
देव-दनुज नर-नारी, ऋषि-मुनिवर भजते. आदित्य हृदय जपते..
स्तोत्र ये मंगलकारी, इसकी है रचना न्यारी. दे नव जीवनदान..
..ॐ जय सूर्य भगवान.....
तुम हो त्रिकाल रचयिता, तुम जग के आधार. महिमा तब अपरम्पार..
प्राणों का सिंचन करके भक्तों को अपने देते. बल, बुद्धि और ज्ञान..
..ॐ जय सूर्य भगवान.....
भूचर जलचर खेचर, सबके हों प्राण तुम्हीं. सब जीवों के प्राण तुम्हीं..
वेद-पुराण बखाने, धर्म सभी तुम्हें माने. तुम ही सर्वशक्तिमान..
..ॐ जय सूर्य भगवान.....
पूजन करतीं दिशाएं, पूजे दश दिक्पाल. तुम भुवनों के प्रतिपाल..
ऋतुएं तुम्हारी दासी, तुम शाश्वत अविनाशी. शुभकारी अंशुमान..
..ॐ जय सूर्य भगवान.....
ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान.
जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा.स्वरूपा..
धरत सब ही तव ध्यान, ॐ जय सूर्य भगवान..
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)