Pakistan Afghanistan News: अब तक आपने क्रिकेट के मैदान पर पाकिस्तान को अफगानिस्तान से पिटते देखा होगा लेकिन अब यूरोप से दोनों की नूराकुश्ती की तस्वीरें सामने आ रही हैं, अफगानिस्तान में जिस तालिबानी हुकूमत की पाकिस्तान वकालत करता था अब उसी तालिबानी सरकार ने पाकिस्तान की टेंशन बढ़ा दी है. जर्मनी के फ्रैंकफर्ट में रह रहे अफगानिस्तान के लोगों ने पाकिस्तान के झंडे उतार दिए. 


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दूतावास से उतार दिया पाकिस्तान का झंडा


अफगानिस्तानी झंडे लहराते हुए तीन लोग दीवार फांदते हैं और वहां मौजूद इमारत के पोल से झंडा उतार देते हैं, जिस झंडे को डंडे से जुदा किया गया है वो पाकिस्तान का झंडा है. जिस इमारत से पाकिस्तान का झंडा उतारा गया वो पाकिस्तान का वाणिज्य दूतावास है.


तीनों अफगानी शख्स जब पाकिस्तानी दूतावास से झंडा निकालते हैं तो दूतावास के बाहर मौजूद अफगानी लोगों की भीड़ में जश्न का माहौल बन जाता है. भीड़ इस कारनामे को जीत की तरह सेलिब्रेट करती है और पाकिस्तानी झंडे को पैरों से कुचलने लगती है. 


तालिबान का नाम नहीं ले पाया पाकिस्तान


अफगानिस्तानी नागरिकों ने फ्रैंकफर्ट में पाकिस्तान को बेइज्जत किया लेकिन पाकिस्तान जवाबी बयान में अफगानिस्तान और तालिबान का नाम लेने की हिम्मत भी नहीं कर पाया और अपनी मार का गुस्सा जर्मनी पर निकाल रहा है. 


पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया, हमारे वाणिज्य दूतावास पर चरमपंथियों ने जिस तरह से हमला किया, वह चिंताजनक है. हमले की कड़े शब्दों में निंदा की जाए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो. जर्मनी हमारे दूतावास की सुरक्षा करने में विफल रहा. पाकिस्तान जर्मन अधिकारियों से घटना में शामिल लोगों को गिरफ्तार करने का आग्रह करता है. 


जर्मनी ने बढ़ाई दूतावास की सुरक्षा


हंगामे को देखते हुए पाकिस्तान ने कराची में जर्मनी के वाणिज्य दूतावास की सुरक्षा बढ़ा दी है. साथ ही सुरक्षा कारणों से वाणिज्य दूतावास को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है. 


अभी तक पाकिस्तानी वाणिज्य दूतावास  हमले के पीछे की असली वजह सामने नहीं आई है. कुछ मीडिया रिपोर्ट में माना जा रहा है कि पाकिस्तान की ओर से अफगान शरणार्थियों को वापस अफगानिस्तान भेजने से लोग नाराज हैं और इसी नाराजगी को लेकर अफगानिस्तानी नागरिकों ने फ्रैंकफर्ट में पाकिस्तानी दूतावास पर हमला बोल दिया. 


बोए पेड़ बबूल के तो आम कहां से होए


कहा जाता है बोए पेड़ बबूल का तो आम कहां से खाए और पाकिस्तान के साथ अब यही हो रहा है. पाकिस्तान विदेशी धरती पर भारत के साथ जो गेम खेलता था, अब फ्रैंकफर्ट में वो खुद अपने जाल में फंस गया है. खालिस्तानियों के साथ मिलकर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ब्रिटेन से लेकर कनाडा तक भारतीय दूतावासों को निशाना बनाने में लगी रहती है लेकिन अब पाकिस्तान को सीखने की जरूरत है कि जिनके खुद के घर कांच के हो तो दूसरों के घरों पर पत्थर नहीं फेंका करते.