Israel Hezbollah War: किसी बेल को काटने से उसकी जड़े खत्म नहीं होती इन जड़ों को जब भी मौका मिलता है. खाद पानी पाकर वो पनप जाती हैं. इसलिए किसी बेल को हमेशा हमेशा के लिए खत्म करना हो तो उसकी जड़ों को खत्म करना पड़ता है और ये नियम आतंक की बेलों पर भी लागू होता है. इसीलिए इज़रायल मिडिल ईस्ट में जिस आतंकवाद का सामना कई दशकों से कर रहा है..उसकी जड़ को ख़त्म करने के अभियान पर निकल चुका है. सुन्नी आतंकवाद के बाद अब उनका निशाना शिया आतंकवाद है. 


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हमास के बाद इज़रायल हिजबुल्लाह को ख़त्म करने का मिशन शुरू करने जा रहा है जिसके बाद संयुक्त राष्ट्र को मिडिल ईस्ट में दूसरे गज़ा की आशंका नज़र आने लगी है. हमास के ठिकाने गज़ा को इज़रायल श्मशान बना चुका है. रफाह में इज़रायल का आपरेशन जारी है. हमास की कमर टूटी चुकी है. लेकिन इज़रायल पर अभी भी रॉकेट बरस रहे हैं. अब इज़रायल की सेना के टैंक, फाइटर जेट्स और मिसाइलों के मुंह उस तरफ हो गए हैं, जिधर से इज़रायल में धमाके करने वाले रॉकेट मिसाइलें और ड्रोन आ रहे हैं. 


इजरायल ने सेट कर लिया नया टारगेट


इज़रायल का नया टारगेट सेट होने के बाद मिडिल ईस्ट में एक ऐसे युद्ध की शुरुआत होनी तय मानी जा रही है. जो शुरू होगी दो दुश्मनों के बीच. लेकिन जब ये जंग ख़त्म होगी तो इन दो दुश्मनों में से कोई एक ज़रूर खत्म हो जाएगा. इस्ला​मिक देश किस मुल्क से सबसे ज्यादा नफ़रत करते हैं. इस सवाल के जवाब में अमेरिका और इज़रायल के बीच होड़ हो सकती है. लेकिन फिलहाल इज़रायल इस लिस्ट में अमेरिका को पीछे छोड़ता नजर आ रहा है. 


सुन्नी आतंकी संगठन हमास पर सबसे भीषण प्रहार करने के बाद इज़रायल का नया निशाना शिया आतंकी संगठन हिजबुल्लाह है. हमास के खिलाफ आपरेशन के साथ साथ अब इज़रायल ने एक नया मोर्चा लेबनान की सीमा पर भी खोल दिया है. जहां से बेकाबू होते जा रहे हिजबुल्लाह के आतंकी इज़रायल पर सबसे भीषण हमले कर रहे हैं. 


इज़रायल दक्षिणी लेबनान से अपने देश में हमला करने वाले हिजबुल्लाह लड़ाकों और उसके कमांडर को चुन चुन कर जहन्नुम पहुंचा रहा है. 21 जून को इज़रायल की एयर स्ट्राइक में हिजबुल्लाह का बड़ा कमांडर फादेल इब्राहिम मारा गया. लगातार अपने लड़ाकों और कमांडरों की मौत से बौखलाए हिजबुल्लाह चीफ  हसन नसरल्लाह ने इज़रायल को पूर्ण युद्ध की धमकी दे दी है. लेकिन इज़रायल का ऑपरेशन गाज़ा देखने और उसकी ताकत का अंदाजा होने के बावजूद आतंकी संगठन हिजबुल्लाह की इस धमकी के पीछे कौन सा कान्फिडेंस काम कर रहा है. 


नसरल्लाह ने इजरायल को दी धमकी


नसरल्लाह ने ये भी कहा है इस युद्ध में इज़रायल के कोने कोने में धमाके होंगे. इज़रायल पर समंदर...ज़मीन और आसमान हर जगह से मिसाइलें और मौत बरसेगी.  
क्या हमास के गुरू और ईरान के चेले कहे जाने वाले ताकवतर आतंकी संगठन की ताकत इतनी बढ़ चुकी है कि वो अमेरिका जैसी महाशक्ति के पार्टनर और परमाणु बम रखने वाले इज़रायल को धुआं धुआं कर देगा.  


एक लाख लड़ाके और दो लाख रॉकेट और मिसाइलों को रखने का दावा करने वाले शिया आतंकी संगठन हिजबुल्लाह ने पिछले कुछ वक्त में इज़रायल के खिलाफ कुछ ऐसी सफलताएं हासिल की हैं. जिसके बाद उसके दावे को हल्के में लेना एक भारी चूक साबित हो सकती है..क्योंकि अब अमेरिका ने भी हिजबुल्लाह को लेकर इज़रायल को चेतावनी दे डाली है. 


अमेरिका ने इजरायल को आगाह किया है कि वह हिज्‍बुल्‍लाह के साथ युद्ध से बचे. अमेरिका ने कहा कि लेबनान का हिज्‍बुल्‍लाह आयरन डोम को तबाह करने की ताकत रखता है. क्या हिजबुल्लाह  इतना ताकतवर हो गया है या अमेरिका इस जंग को रोकना चाहता है. इससे पहले तक लेबनान में बैठा हिजबुल्लाह इज़रायल पर हमले करता था तो इसे हमास के साथ एकजुटता दिखाने के लिए खानापूर्ति माना जाता था. लेकिन जब हिजबुल्लाह के हमले भीषण हुए तो सवाल उठने लगे क्या नसरल्लाह ने नेतन्याहू की सेना से आर पार का मन बना लिया है. 


क्या दूसरा गाजा बन जाएगा लेबनान


हिजबुल्लाह की आक्रामकता को देखकर दुनिया में इस बात की आशंका बढ़ गई है कि लेबनान अगला गज़ा बनने वाला है. यानि जैसी तबाही इज़रायल ने गज़ा में की है वैसी ही तबाही अब हिजबुल्लाह की वजह से लेबनान में होने वाली है. गज़ा में राहत सामग्री पहुंचाने वाले संयुक्त राष्ट्र ने तो यहां तक कह दिया कि दुनिया लेबनान नहीं झेल पाएगी. 


इज़रायल अपने किसी दुश्मन को मौका नहीं देता. हिजबुल्लाह के इरादे खतरनाक हुए तो इज़रायल के हमले और ज्यादा भीषण हो गए. 7 अक्टूबर को जब से इज़रायल और हमास के बीच जंग शुरू हुई है, तब से हिजबुल्लाह ने भी इज़रायल पर हमले शुरू कर दिए और इजरायल ने लेबनान की ज़मीन पर इसके जवाब में जो हमले किए. उसमें अब तक 400 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं, जिसमें ज्यादातर हिजबुल्लाह के लड़ाके हैं. 


इन हमलों से हिजबुल्लाह इतना बौखला गया है कि उसने अपने लड़ाकों को भी पूर्ण युद्ध के लिए तैयार रहने के आदेश दे दिए हैं. वहीं इज़रायल के साथ साथ साइप्रस को जंग की धमकी दे दी है. हिजबुल्लाह ने साइप्रस पर आरोप लगाया है कि उसने लेबनान में हिजबुल्लाह के ठिकानों पर हमले के लिए इज़रायल को अपना एयरपोर्ट और मिलिट्री बेस इस्तेमाल करने की इजाज़त दी है. लेकिन हिजबुल्लाह के इस रुख ने इज़रायल को वो मौका दे दिया है . जिसकी तलाश उसको काफी दिनों से थी यानि हमास के गुरू हिजबुल्लाह को ठिकाने लगाने का मौका. जिसके बाद माना जा रहा है कभी भी इज़रायल की सेना उस बॉर्डर को पार कर जाएगी..जिसे फिलहाल उसकी मिसाइलें पार कर रही है.


इस बीच इज़रायल के सैनिकों की वर्दी पर लगा एक बैज भी काफी वायरल हो रहा है. जिसमें मिडिल ईस्ट के भविष्य की एक तस्वीर है. जिसे ग्रेटर इज़रायल या अखंड इज़रायल की तरफ बढ़ने का संकेत माना जा रहा है. एक तरफ खबरें आ रही हैं कि इज़रायल की सेना किसी भी कीमत पर गज़ा में हमास के पूरे खात्मे के बगैर बैरको में जाने को तैयार नहीं है. कहा जा रहा है वो नेतन्याहू की भी नहीं सुनने वाली. दूसरी तरफ इज़रायली सैनिकों के बैज में बने इज़रायल के नक्शे की व्याख्या खाड़ी के कई मुस्लिम देशों के पैरों तले ज़मीन खिसका देगी. इन देशों में लेबनान के साथ साथ मिस्त्र, इराक और सउदी अरब भी शामिल हैं. 


इज़रायली सैनिक की वर्दी में लगे बैज के नक्शे को अगर आप ध्यान से देखेंगे तो आपको नजर आएगा. इसमें इज़रायल का विस्तार फिलिस्तीन, लेबनान, जॉर्डन, सीरिया, मिस्त्र, इराक, तुर्किए और सऊदी अरब तक फैला दिखाई देगा. तो क्या गज़ा पट्टी पर लगभग कब्ज़ा कर चुके इज़रायल ने अखंड इजरायल के लिए अगला टारगेट लेबनान को बनाया है. इन तमाम सवालों के बीच लेबनान में इज़रायल के हमले की संभावना बढ़ती जा रही है.


अपने राष्ट्रपति की मौत से ईरान खामोश
 
मिडिल ईस्ट में होने वाले इस महायुद्ध की आग में घी डालने का काम कौन कर रहा है इसका अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं. हिजबुल्लाह ने अगर इज़रायल को युद्ध की चेतावनी दी है तो इसके पीछे सबसे बड़ा हाथ उस देश का माना जा रहा है. जो अपने राष्ट्रपति की मौत के बाद फिलहाल खामोश है. लेकिन इस खामोशी को तूफान से पहले की शांति माना जा रहा है. हिजबुल्लाह ने इजरायल को हर एक कोने को निशाना बनाने की धमकी दी है, जिसके बाद इस बात की आशंका बढ़ गई है कि उसे ईरान से सबसे घातक हथियार मिल चुके हैं.  


जिस तरह के फिदायीन ड्रोन से हिजबुल्लाह इज़रायल के रक्षा कवच आयरन डोम को निशाना बना रहा है. माना जा रहा है कि उसकी सप्लाई हिजबुल्लाह को ईरान से ही मिली है. हिजबुल्लाह ने तो इज़रायल की उस ड्रोन डोम प्रणाली को भी अपने ड्रोन से तबाह करने का वीडियो जारी किया है, जो ड्रोन को इंटरसेप्ट करके ख़त्म करने का काम करती है. आशंका जाहिर की जा रही है अगर ईरान हिजबुल्लाह को अपनी मिसाइलें और घातक ड्रोन सौंप चुका है तो इज़रायल के लिए हिजबुल्लाह से लडाई आसान नहीं रह जाएगी. 


अमेरिका ने शुरू की जंगी तैयारियां


इसके अलावा एक एक करके इस्लामी आतंकी संगठनों को निपटाने की तैयारी में दिख रहे इज़रायल की ग्रेटर इज़रायल वाली योजना का मिडिल ईस्ट की दूसरी शक्तियों पर क्या असर पड़ेगा. ये भी मिडिल ईस्ट में संभावित महायुद्ध में बड़ी भूमिका निभाएगा. सऊदी अरब और तुर्किए जैसे देश ईरान को पसंद नहीं करते. क्योंकि ईरान सउदी और तुर्किए के साथ मुस्लिम जगत का खलीफा बनने की रेस लगा रहा है ऐसे में ईरान के प्रॉक्सी हिजबुल्लाह से इन देशों को बहुत ज्यादा सहानुभूति नहीं है. लेकिन फिर भी इजरायल का लेबनान पर हमला इस इलाके के संतुलन को बिगाड़ सकता है.  


इसी वजह से इस बात की आशंका भी बनी हुई है कि क्षेत्र में इज़रायल की बढ़ती ताकत, इस्लामिक आतंकी संगठनों का खात्मा और और इज़रायल का कट्टर जियोनी विचारधारा की तरफ आगे बढ़ने का संकेत मुस्लिम देशों को एक मंच पर ला सकता है. इसे रोकने के लिए अमेरिका को इज़रायल के लिए पैरवी और दखलंदाज़ी करनी पड़ेगी. जिसकी तैयारी भी अमेरिका कर रहा है. इधर हिजबुल्लाह को कंट्रोल करने वाली ताकतों ने भी पूरी तैयारी कर ली है. ऐसे में मिडिल ईस्ट में एक और बारूदी टक्कर तय मानी जा रही है.