World News In Hindi: भारत और कनाडा इस वक्त आमने-सामने हैं. कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रुडो ने संसद में खड़े होकर खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में में भारत सरकार के शामिल होने के बिना सबूत दिए आरोप लगाए जिन्हें भारत ने सिरे से खारिज कर दिया. इसके बाद से दोनों देशों के संबंध बेहद तनावपूर्ण हो गए हैं. इस बीच कनाडाई संसद ने कुछ ऐसा किया है कि जिसने दुनिया भर के यहूदियों को नाराज कर दिया.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

रॉयटर्स के मुताबिक कनाडा के हाउस ऑफ कॉमन्स के स्पीकर ने रविवार को संसदीय बैठक में एक ऐसे व्यक्ति की प्रशंसा करने के लिए माफी मांगी, जिसने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान नाजी इकाई में काम किया था. दो दिन पहले, स्पीकर एंथोनी रोटा ने कनाडाई संसद के समक्ष 98 वर्षीय यारोस्लाव हुंका को ‘यूक्रेनी नायक’ के रूप में मान्यता दी थी.


माफी की मांग करने वाले यहूदी मानवाधिकार समूह फ्रेंड्स ऑफ साइमन विसेन्थल सेंटर के अनुसार, हुंका ने द्वितीय विश्व युद्ध में एसएस के 14वें वेफेन ग्रेनेडियर डिवीजन के सदस्य के रूप में कार्य किया था.


स्पीकर बयान जारी कर मांगी माफी
रोटा ने एक बयान में इस पहल को ‘पूरी तरह से मेरी अपनी’ बताते हुए इसकी जिम्मेदारी ली. उन्होंने कहा, ‘बाद में मुझे अधिक जानकारी के बारे में पता चला, जिससे मुझे अपने फैसले पर पछतावा हुआ.’ उन्होंने यहूदी समुदायों से ‘गहरा खेद’ व्यक्त किया.


रोटा ने अपने बयान में कहा कि साथी सांसदों या यूक्रेनी प्रतिनिधिमंडल सहित किसी को भी उनकी योजनाओं या टिप्पणियों के बारे में पहले से जानकारी नहीं थी.


संसद में हुंका को मिली सराहना
दरअसल हंका की तारीफ की यह मामला यूक्रेनी राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की की कनाडा से जुड़ा है. उन्होंने कनाडाई संसद में युद्ध में रूस के खिलाफ सहायता के लिए कनाडा को धन्यवाद दिया. जेलेंस्की की टिप्पणियों के बाद,  रोटा ने गैलरी में बैठे हंका की प्रशंसा की और रूसियों के खिलाफ यूक्रेनी स्वतंत्रता के लिए लड़ने के लिए उनकी तरीफ की. हुंका को एकत्रित लोगों से दो बार खड़े होकर सराहना मिली.


फ्रेंड्स ऑफ साइमन विसेन्थल सेंटर ने रविवार की शुरुआत में माफी की मांग करते हुए एक बयान में कहा, ‘बढ़ती यहूदी विरोधी भावना और होलोकॉस्ट विरूपण के समय, कनाडा की संसद को एक ऐसे व्यक्ति की सराहना करते हुए देखना अविश्वसनीय रूप से परेशान करने वाला है, जो यहूदियों और अन्य लोगों की हत्या के लिए जिम्मेदार नाजी सैन्य शाखा वेफेन-एसएस की एक इकाई का सदस्य था.’


समूह ने कहा, ‘इस बात का स्पष्टीकरण दिया जाना चाहिए कि यह व्यक्ति कनाडाई संसद के पवित्र हॉल में कैसे दाखिल हुआ और उसे सदन के अध्यक्ष से मान्यता मिली और खड़े होकर अभिनंदन किया गया.’


रूस ने दी ये प्रतिक्रिया
रूस की आरआईए राज्य समाचार एजेंसी ने कनाडा में रूस के राजदूत ओलेग स्टेपानोव के हवाले से कहा कि दूतावास सोमवार को प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो को एक पत्र और कनाडाई विदेश मंत्रालय को एक नोट भेजेगा. आरआईए ने स्टेपानोव के हवाले से कहा, ‘हम निश्चित रूप से कनाडाई सरकार से स्पष्टीकरण की मांग करेंगे.’


बता दें रूस ने फरवरी 2022 में यूक्रेन पर पूर्ण पैमाने पर आक्रमण शुरू किया, यह कहते हुए कि ‘विशेष सैन्य अभियान’ का लक्ष्य अपने पड़ोसी को सेना से मुक्त करना और विसैन्यीकरण करना था.


कीव और उसके पश्चिमी सहयोगियों का आरोप है कि हमला, जिसमें अब तक हजारों लोग मारे गए हैं और लाखों लोग विस्थापित हुए हैं, एक अकारण भूमि हड़पने की कोशिश है. वाशिंगटन ने कहा है कि युद्ध के लिए मॉस्को का झूठा औचित्य क्रेमलिन के “अंतर्राष्ट्रीय जनमत में हेरफेर” के प्रयास के अलावा और कुछ नहीं है.


(इनपुट - Reuters)