नूर सुल्तान: कजाकिस्तान (Kazakhstan) में महंगाई के खिलाफ फूटा जनता का आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस हिंसा में अब तक 18 पुलिसकर्मियों की मौत हो चुकी है, जबकि 748 को चोटें आई हैं. इस बीच, सरकार ने स्पष्ट शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा है कि हिंसा नहीं छोड़ने वालों को मौत के घाट उतार दिया जाएगा. बता दें कि पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में इजाफा के बाद से देशभर में हिंसा भड़क उठी है.


दो हजार से ज्यादा गिरफ्तार


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हमारी सहयोगी वेबसाइट WION में छपी खबर के अनुसार, अब तक करीब 2,298 प्रदर्शनकारियों (Demonstrators) को गिरफ्तार किया जा चुका है. कई जगहों पर पुलिस को भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज के साथ आंसू गैस का भी इस्तेमाल करना पड़ा है. वहीं, कजाकिस्तान के आंतरिक मामलों के मंत्रालय ने कहा है कि जो लोग हथियार डालने से इनकार करेंगे उन्हें मार दिया जाएगा. 


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अधिकारी की सिर कटी लाश मिली


रूसी समाचार एजेंसी इंटरफैक्स और RIA नोवोस्ती ने अपनी रिपोर्ट में बताया हुई है कि कजाकिस्तान में हालात काफी बिगड़ गए हैं. कई सुरक्षा अधिकारियों को मौत के घाट उतारा गया है. एक अधिकारी की सिर कटी लाश भी बरामद हुई है. कजाकिस्तान के राष्ट्रपति ने आदेश जारी करते हुए अल्माटी और मंगिस्टाऊ क्षेत्र में सामूहिक कार्यक्रमों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. वहीं, आपातकाल की स्थिति के दौरान हथियारों, गोला-बारूद और शराब की बिक्री प्रतिबंधित कर दी गयी है. इसके साथ ही वाहनों सहित आवाजाही पर रोक लगा दी गयी है.


रूसी सैनिकों ने संभाला मोर्चा


मॉस्को के नेतृत्व वाले सैनिकों को प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए तैयार किया गया है. अब तक दर्जनों लोगों के मारे जाने की खबर है और सैकड़ों को जेल भेज दिया गया है. कजाकिस्तान के अधिकांश शहर गोलियों की आवाज से गूंज रहे हैं. प्रदर्शनकरियों ने कई सरकारी इमारतों पर कब्जा कर लिया है और सुरक्षा बल उन्हें बाहर निकालने की कोशिश कर रहे हैं. Almaty शहर की सड़कें जले वाहनों से भरी पड़ी है.  कई सरकारी इमारतें खंडहर में तब्दील हो गई हैं और राष्ट्रपति भवन के आसपास गोलियों के खाली खोखे बिखरे हुए हैं.