काहिरा: अरब के विदेश मंत्रियों ने रविवार (10 दिसंबर) को कहा कि यरूशलम को इजरायल की राजधानी के रूप में मान्यता देने का अमेरिका का फैसला अवैध है. उन्होंने चेतावनी दी कि इससे क्षेत्र में तनाव बढ़ सकता है. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, अरब लीग के सदस्य देशों के मंत्रियों की शनिवार (9 दिसंबर) शाम एक लंबी बैठक चली और इसमें अमेरिका से अपने फैसले को वापस लेने का आग्रह किया गया. बैठक में फैसले को अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन बताया गया.


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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार (6 दिसंबर) को घोषणा की कि वह यरूशलम को इजरायल की राजधानी के तौर पर मान्यता देते हैं और उन्होंने अमेरिकी उच्चायोग को तेल अवीव से यरुशलम ले जाने का फैसला किया. इस घोषणा की चारों तरफ से आलोचना की गई व इसका अरब और मुस्लिम देशों ने विरोध किया. अरब के मंत्रियों ने अपने अंतिम बयान में कहा कि अमेरिका के फैसले का कोई कानूनी प्रभाव नहीं है. साथ ही कहा कि यह शांति के प्रयासों को कमजोर करता है और तनाव व क्रोध को बढ़ाने व क्षेत्र को हिंसा व अस्थिरता में धकेलता है.


यरुशलम मुद्दा: अमेरिकी दूतावास के सामने हजारों लोगों ने निकाली रैली, फिलिस्तीन समर्थकों का प्रदर्शन


यरूशलम को इजरायल की राजधानी के रूप में मान्यता देने के वॉशिंगटन के विवादित फैसले के विरोध में अमेरिकी दूतावास के निकट प्रदर्शन कर रहे लोगों को तितर-बितर करने के लिए रविवार (10 दिसंबर) को लेबनान के सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के गोले और पानी के बौछारों का इस्तेमाल किया. बेरूत के बाहरी इलाके अवकर में मौजूद एएफपी के एक संवाददाता ने बताया कि सैकड़ों फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारी अमेरिकी दूतावास के निकट एकत्रित हो गए. दूतावास की ओर जाने वाली सड़क को अवरुद्ध कर उनको परिसर पहुंचने से रोका गया. सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों को वहां से हटाने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और पानी के बौछारों का इस्तेमाल किया, जो बलपूर्वक गेट को खोलने का प्रयास कर रहे थे. संवाददाता के मुताबिक पथराव और आंसू गैस के गोले के कारण कई लोग जख्मी हो गए.